भारत बायोटेक ने स्‍वदेशी टीका कोवैक्‍सीन के आपातकालीन इस्‍तेमाल की अनुमति मांगी

CIVID-19 के लिए स्वदेश विकसित टीका ‘कोवैक्‍सीन’ (Covaxin) के इस्‍तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया गया है. कोवैक्‍सीन विकसित करने वाली कम्‍पनी भारत बायोटेक ने 8 दिसम्बर को भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से इस टीके के आपातकालीन इस्‍तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया है.

CIVID-19 के लिए कोवैक्‍सीन से पहले भारत में दो अन्य टीके के आपातकालीन इस्‍तेमाल की अनुमति मांगी गयी थी. भारत में फाइजर कंपनी ने CIVID-19 के अपनी वैक्‍सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मांगी थी. इसका विकास अमेरिकी कंपनी फाइजर ने जर्मन दवा कंपनी ‘बायोएनटेक’ (BioNTech) के साथ किया है.

उसके अलावा टीके बनाने वाली दुनिया की सबसे बडी कम्‍पनी पुणे के ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने भी ‘कोविशील्‍ड’ (Covishield) की मंजूरी के लिए आवेदन किया है. कोविशील्‍ड को ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्‍ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्‍वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है.

कोवैक्‍सीन: एक दृष्टि

हैदराबाद स्थित ‘भारत बायोटेक’, ‘भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद’ (ICMR) के सहयोग से स्‍वदेशी तौर पर कोवैक्‍सीन विकसित कर रही है. अभी यह परीक्षण के तीसरे चरण में है. अभी तक देशभर में 18 स्थानों पर 22 हजार से अधिक स्‍वयंसेवकों पर इसका परीक्षण किया गया है.

आपातकालीन इस्‍तेमाल की अनुमति क्या है?

किसी दवा के आपातकालीन इस्‍तेमाल की अनुमति तभी दी जाती है जब इस बात के पर्याप्त प्रमाण हों कि वह इलाज के लिए सुरक्षित और प्रभावी है. अंतिम मंजूरी परीक्षणों के पूरा होने और सम्‍पूर्ण आंकडों के विश्लेषण के बाद ही दी जाती है.