विश्व भारती विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 दिसम्बर को शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण का रास्ता आत्मनिर्भर भारत के विचार से ही गुजरता है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन टैगोर की कविता ‘ओरे गृहोबाशी खोल द्वार खोल’ से करते हुए छात्रों का आह्वान किया कि वे नई संभावनाओं का द्वार खोलें और गुरूदेव के विचारों और दर्शन का प्रचार करें.
विश्व भारती विश्वविद्यालय
विश्व-भारती की स्थापना 1921 में गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी. मई 1951 में संसद के अधिनियम से इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था. प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं.