डेली कर्रेंट अफेयर्स
ISRO ने संचार उपग्रह CMS-01 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 17 दिसम्बर को भारत के नये संचार उपग्रह CMS-01 का प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का यह अपने देश में 77वां प्रक्षेपण था.
प्रक्षेपण PSLV C-50 अन्तरिक्ष यान से
CMS-01 का प्रक्षेपण PSLV C-50 अन्तरिक्ष यान से किया गया. PSLV का ये 52वां अभियान था. इस अभियान में PSLV C-50 ने CMS-01 उपग्रह को भू-समतुल्य अंतरण कक्षा में प्रक्षेपित किया. यह अभियान केवल 21 मिनट में पूरा हो गया.
CMS-01 उपग्रह: एक दृष्टि
CMS-01 संचार उपग्रह (Communication Satellite) है. यह उपग्रह 2011 में प्रक्षेपित की गई GSAT-2 संचार उपग्रह का जगह लेगा. इसका उपयोगी जीवनकाल सात वर्ष का होगा. इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर गुणवत्ता सुधरने के साथ ही आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी.
CMS-01 उपग्रह में ट्रांसपोंडर लगे हैं, जिनसे Extended-C Band का इस्तेमाल करते हुए सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी. इस उपग्रह के दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह होंगे.
भारत को 2021 में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को 2021 में होने वाले 46वें G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस सिलसिले में एक पत्र लिखा है. भारत की यात्रा पर आये ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब ने श्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें यह पत्र सौंपा. प्रधानमंत्री ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
G-7 का विस्तार कर D-10 किये जाने का प्रस्ताव
इस वर्ष G-7 का विस्तार भी होने वाला है, जिसमें 10 लोकतांत्रिक देश शामिल होंगे और इसका नाम D-10 कर दिया जाएगा. D-10 दस लोकतांत्रिक देशों को दर्शाता है.
2021 में होने वाले 46वें G-7 शिखर सम्मेलन की मेजवानी ब्रिटेन कर रहा है. ब्रिटेन ने भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को G-7 राष्ट्रों के साथ शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. इससे पहले अमेरिका ने भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ रूस को भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया था.
G-7 क्या है?
G-7 दुनिया की सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है. इसके सदस्य देशों में अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं. चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवथा है, फिर भी वो इस समूह का हिस्सा नहीं है. इसकी वजह यहां प्रति व्यक्ति आय संपत्ति जी-7 समूह देशों के मुक़ाबले बहुत कम है.
शुरुआत में यह छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी. बाद में कनाडा इस समूह में शामिल हो गया और इस तरह यह G-7 बन गया. 1998 में G-7 में रूस भी शामिल हो गया था और यह जी-7 से जी-8 बन गया था. लेकिन साल 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया हड़प लेने के बाद रूस को समूह से निलंबित कर दिया गया.
भारत और बांग्लादेश के बीच वर्चुअल शिखर बैठक, चिल्लाहाटी-हल्दीबारी रेल संपर्क का उद्घाटन
भारत और बांग्लादेश के बीच 17 दिसम्बर को द्विपक्षीय शिखर बैठक विडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से आयोजित की गयी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिस्सा लिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश को भारत की पड़ोस पहले नीति में प्रमुख स्तम्भ बताया है. बैठक में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने बंग बंधु डिजीटल प्रदर्शनी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
चिल्लाहाटी-हल्दीबारी रेल संपर्क का उद्घाटन
दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच चिल्लाहाटी-हल्दीबारी रेल संपर्क का भी उद्घाटन किया. भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 55 वर्ष बाद इस रेल संपर्क को खोला गया है.
हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल संपर्क कोलकाता से सिलीगुड़ी के मुख्य मार्ग पर बड़ी लाइन का हिस्सा था. 1965 के युद्ध में दोनों देशों के बीच यह रेल संपर्क बंद कर दिया गया था.
दोनों देशों के बीच छह रेलमार्गों को पुनः शुरू किया जायेगा
दोनों देशों के बीच परिवहन और संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनों पक्ष उन छह रेलमार्गों को फिर शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो 1965 से पहले चालू थे.
हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल संपर्क के चालू होने के साथ ही पहले से बंद पड़े छह में से पांच रेलमार्गों पर आवाजाही शुरू हो गयी है. दोनों देशों के बीच चालू होने वाले अन्य चार रेल संपर्कों में पेत्रापोल-बिनापोल, गेडे-दरशाना, सिंघाबाद-रोहनपुर और राधिकापुर-बिरोल लाइनें शामिल हैं.
भारत और ब्रिटेन ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की
भारत और ब्रिटेन ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है. यह सहमति शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और भारत की यात्रा पर आये ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब के बीच नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय बैठक में हुई.
बैठक में दोनों देशों ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने और शैक्षणिक योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की. इसके लिए दोनों पक्ष उच्च संस्थानों का एक कार्य बल गठित करने पर सहमत हुए. यह कार्य बल उच्च शिक्षा के अन्तर्राष्ट्रीयकरण की भारतीय कार्ययोजना में भी सहायक होगा.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
अमेरिका ने भारत के समर्थन वाला रक्षा नीति विधेयक पारित किया
अमरीकी संसद ने चीन के खिलाफ भारत के समर्थन वाला एक रक्षा नीति विधेयक पारित किया है. इस विधेयक में अन्य बातों के अलावा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता का विरोध किया गया है.
कोवैक्सीन के परीक्षणों में प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने वाले नतीजे मिले
भारत में विकसित कोरोना टीके कोवैक्सीन के पहले चरण के परीक्षणों में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने वाले नतीजे मिले हैं. हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से कर रही है. कोवैक्सीन उन तीन टीकों में से एक है, जिनके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने पर भारत के दवा महानियंत्रक की ओर से विचार किया जा रहा है.
दूरसंचार क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा दिशा-निर्देशों को स्वीकृति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दूरसंचार क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा दिशा-निर्देशों को स्वीकृति दी गयी. देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह फैसला किया गया है. इन दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के हित के लिए सरकार विश्वसनीय स्रोतों और उत्पादों की सूची घोषित करेगी. इससे दूरसंचार क्षेत्र की कई चीनी कंपनियों को काली सूची में डाला जायेगा.
गन्ना किसानों के लिए 3500 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गन्ना किसानों के लिए तीन हजार पांच सौ करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी गयी. बैठक में 60 लाख टन चीनी निर्यात पर 6 हजार रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देने का फैसला किया गया.
NERPSIP के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक कार्य समिति ने छह राज्यों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना (NERPSIP) के संशोधित लागत अनुमान (RCE) को मंजूरी दी है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुल आर्थिक विकास और क्षेत्र के राज्यों में पारेषण (ट्रांसमिशन) तथा वितरण ढांचे को मजबूत बनाना है. NERPSIP में पूर्वोत्तर के 6 राज्य- असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं.