डेली कर्रेंट अफेयर्स
मोरक्को-इजरायल पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित, पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता
अफ्रीकी देश मोरक्को ने इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किया है. मोरक्को अगस्त से अबतक इजरायल के साथ समझौता करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और सूडान ने इजरायल के साथ दशकों पुरानी दुश्मनी को भुलाकर शांति समझौता किया था.
मोरक्को और इजरायल के बीच यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोरक्को के राजा मोहम्मद VI की बातचीत के दौरान हुआ. इस बातचीत में दोनों नेता इस मुद्दे पर सहमत हुए हैं कि मोरक्को, इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करेगा और क्षेत्रीय शांति के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ाएगा. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोरक्को के साथ समझौते को ऐतिहासिक बताया है.
अमेरिका ने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता दिया
दोने देशों के बीच हुई इस बातचीत में ट्रंप ने राजा मोहम्मद VI को विवादित पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता देने का आश्वासन दिया है. इस आश्वासन के बाद ही मोरक्को और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किये जाने का समझौता संभव हुआ है.
फिलस्तीन ने की आलोचना
इजरायल के साथ मोरक्को के शांति समझौते की फिलिस्तीन ने आलोचना की है. फिलस्तीन ने अरब देश पर अपने समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. इस समझौते में फिलिस्तीन को एक पूर्ण देश बनाने के बाद ही इजरायल के साथ बातचीत की बात कही गई थी. फिलस्तीन ने UAE के साथ इजरायल के शांति समझौते की भी आलोचना की थी.
पश्चिमी सहारा को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच विवाद
पश्चिमी सहारा पर दावे को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच लंबे समय से विवाद है. अल्जीरिया इस क्षेत्र को नया देश बनाने की कोशिश में जुटे पोलिसारियो फ्रंट को खुला समर्थन देता है.
पश्चिमी सहारा क्षेत्र
पश्चिमी सहारा अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में अटलांटिक महासागर के तट पर मॉरिटानिया और मोरक्को के बीच स्थित क्षेत्र है. यह स्पेन उपनिवेश था. अफ्रीकी संघ इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देता है.
1976 में लगभग दो-तिहाई हिस्से पर मोरक्को ने क़ब्ज़ा कर लिया था और फिर 1979 में मौरिटानिया के हिस्से वाली भूमि को भी मिला लिया. पोलिसारियो फ़्रंट ने इसके ख़िलाफ़ छापामार लड़ाई जारी रखी जिसके बाद 1991 में यहाँ संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से संघर्षविराम हुआ.
प्रधानमंत्री ने एसोचैम फाउंडेशन सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 दिसम्बर को एसोचैम फाउंडेशन सप्ताह 2020 कार्यक्रम को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय उद्योग और व्यवसाय जगत से आत्मनिर्भर भारत के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि विश्व चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 27 साल बाद भारत अपनी आजादी की शताब्दी मनाएगा और ये 27 वर्ष, न केवल भारत की वैश्विक भूमिका निर्धारित करेंगे, बल्कि यह भारतीयों के सपनों और समर्पण की भी परीक्षा की घड़ी होगी.
रतन टाटा को एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ द सेंचुरी पुरस्कार
श्री मोदी ने इस अवसर पर रतन टाटा को एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ द सेंचुरी पुरस्कार से सम्मानित किया.
एसोचैम की स्थापना 1920 में भारत के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग मंडलों द्वारा की गई थी. चार सौ से अधिक उद्योग मंडल और व्यापार संघ इसके सदस्य हैं.
अमेरिका ने CAATSA के तहत तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगाये
अमेरिका ने तुर्की पर हाल ही में कई तरह के प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा की है. तुर्की द्वारा रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह ये प्रतिबन्ध लगाये गये हैं. S-400 सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम (एयर डिफेंस सिस्टम) है.
ये प्रतिबन्ध CAATSA की धारा 231 के तहत लगाये गये हैं. इन प्रतिबंधों में मुख्य रूप से तुर्की की रक्षा खरीद एजेंसी ‘प्रेजिडेंसी ऑफ डिफेंस’ को निशाना बनाया है. इस संस्था के कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने एस-400 खरीदकर नियम तोड़े हैं. गौरतलब है कि तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद 2019 में की थी. इससे पहले अमेरिका ने अपने F-35 एयरक्राफ्ट कार्यक्रम से तुर्की को बाहर कर दिया था और इस विमान को खरीदने से रोक दिया था.
CAATSA क्या है?
CAATSA, अमेरिकी सरकार का एक क़ानून हैं जिसका पूरा नाम Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act है. CAATSA के तहत ईरान, सीरिया, उत्तर कोरिया को सहयोग करने वाले देशों पर व्यापार प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
इस क़ानून की धारा 231 के अनुसार, रूसी सरकार के खुफिया या रक्षा क्षेत्रों के साथ लेनदेन करने वाले देशों पर प्रतिवंध लगाये जाने का प्रावधान है.
19 दिसंबर: गोवा मुक्ति दिवस, गोवा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा अपना मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाता है. भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 1961 में इसी दिन को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में इस दिन गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है.
भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 1987 में गोवा को दमन व दिउ से अलग करके एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.
गोवा स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 30 मई 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.
गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
- गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया.
- इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
- 1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
- आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
- भारतीय सेना ने 2 दिसंबर को ‘गोवा मुक्ति’ अभियान शुरू कर दिया. वायु सेना ने 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की.
- इस तरह 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
- गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
- वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
- बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
भारत अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 का आयोजन
भारत अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 का आयोजन 22 दिसंबर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित होगा. इस वर्ष के उत्सव का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान’ है. यह महोत्सव विश्व प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुज के जन्मदिन पर शुरू होकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को समाप्त होगा.
भारत-वियतनाम शिखर बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 दिसम्बर को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ वचु्अल माध्यम से शिखर बैठक करेंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अनेक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा भारत-वियतनाम समग्र रणनीतिक साझेदारी के भविष्य के विकास की दिशा प्रदान करेंगे.
51वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा
51वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जनवरी 2021 में गोवा में आयोजित किया जायेगा. महोत्सव प्रदर्शित की जाने वाली 23 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्मों के चयन की 19 दिसम्बर को घोषणा की गयी. फीचर फिल्मों के वर्ग में कृपाल कलिता द्वारा निर्देशित असमिया फिल्म ब्रिज, हिंदी फिल्म सांड की आंख, छिछोरे शामिल है. गैर-फीचर फिल्मों के वर्ग में अंकित कोठारी की गुजराती फिल्म पंचिका, आदि को शामिल किया गया है.