मध्यप्रदेश के ग्वालियर और ओरछा यूनेस्को की विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल

मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक किला शहर ग्वालियर और ओरछा को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया गया है.

यूनेस्को ने अपने विश्व धरोहर शहर कार्यक्रम (अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम) के तहत इन दोनों शहरों को विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया है. विश्व धरोहर शहरों की सूची में आने के बाद यूनेस्को, ग्वालियर और ओरछा के ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर बनाने तथा उसकी खूबसूरती निखारने के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेगा.

इस परियोजना के तहत यूनेस्को इन ऐतिहासिक शहरों के लिए ऐतिहासिक नगरीय परिदृय (HUL) सिफारिशों पर आधारित शहरी विकास के सबसे बेहतर तरीकों और साधनों का पता लगाएगा.

ओरछा
ओरछा का अर्थ है ‘छिपे हुए महल’ है. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित ओरछा अपने मंदिरों और महलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. ओरछा पूर्ववर्ती बुंदेला राजवंश की 16वीं शताब्दी की राजधानी है. ओरछा, राज महल, जहांगीर महल, रामराजा मंदिर, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर एवं कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों और महलों के लिए विख्यात है.

ग्वालियर

ग्वालियर भी मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक नगर और प्रमुख शहर है. 9वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल, कछवाहों तथा सिंधिया राजवंश की राजधानी रहा है. विश्व धरोहर शहरों की सूची में आने के बाद ग्वालियर के मानसिंह पैलेस, गूजरी महल और सहस्रबाहु मंदिर के अलावा अन्य धरोहरों का रासायनिक रूप से परिशोधन किया जाएगा. इससे दीवारों पर उकेरी गई कला स्पष्ट दिखेगी और उसकी चमक भी बढ़ेगी.