भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच वर्चुअल शिखर बैठक, नौ समझौतों पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और उज्‍बेकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति शफकत मिर्जियोयेव के बीच 11 दिसम्बर को वर्चुअल शिखर बैठक हुई. मध्‍य एशिया के किसी देश के साथ यह भारत की पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक थी.

इस बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड महामारी के बाद के दौर में भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच सहयोग बढ़ाने सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की गयी. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं और उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद के बारे में दोनों देशों की चिंताएं भी एक जैसी हैं.

दोनों देशों के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर

इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच सौर ऊर्जा, डिजीटल प्रौद्योगिकी, प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा, डॉलर ऋण, साइबर सुरक्षा, सीमा शुल्क, जनसंचार के क्षेत्रों में नौ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय ‘लाइन ऑफ क्रेडिट’ के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है. भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधी संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया.

स्वयं अफगानिस्तान के नेतृत्व में शांति की बहाली

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि अफगानिस्तान में शांति की बहाली के लिए एक ऐसी प्रक्रिया की आवश्यकता है जो स्वयं अफगानिस्तान के नेतृत्व, स्वामित्व और नियंत्रण में हो. पिछले दो दशकों की उपलब्धियों को सुरक्षित रखना भी आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत एक महत्वपूर्ण पक्षकार है. भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण गतिविधियों में करीब दो अरब डॉलर का निवेश किया है.

फरवरी 2020 में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे. इस समझौते के तहत अमेरिका, अफगानिस्तान से अपने सैनिक हटा लेगा.