भारत में विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है
भारत में विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. यह टीकाकरण कार्यक्रम Covid-19 संक्रमण को रोकने के लिए चलाया जा रहा है. इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की. टीकाकरण कार्यक्रम का पहला टीका दिल्ली एम्स (AIIMS) के सफाईकर्मी मनीष कुमार को दिया गया.
कोविडशील्ड और कोवैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति
इस टीकाकरण के दौरान देश में ही निर्मित दो टीके कोविडशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) में से किसी एक टिके का दो डोज दिया जायेगा. दोनों ही टीकों को देश के औषधि नियंत्रक (DGCA) और विशेषज्ञों द्वारा आपात स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए स्वीकृत किया गया है.
कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका के साथ भारत में पुणे की प्रयोगशाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया में विकसित किया गया है.
भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु संस्थान पूणे के सहयोग से कोवैक्सीन तैयार किया है. यह पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है जिसका अनुसन्धान और निर्माण भारत में किया गया है.
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा
- टीकाकरण के प्रथम चरण में सरकारी या प्राइवेट स्वास्थ्यकर्मियों- डाक्टर्स, नर्स, अस्पताल में सफाई कर्मी, मेडिकल-पेरामैडिकल स्टॉफ और समेकित बाल विकास सेवा से संबंधित कर्मियों को टीके दिए जा रहे हैं. इस चरण में तीन करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा.
- टीकाकरण के अगले चरण में उन लोगों को टीका लगाया जाएगा जिन पर जरूरी सेवाओं और देश की रक्षा या कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है. इस चरण में 30 करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे.
- उसके बाद 50 वर्ष से अधिक की आयु वाले लोगों तथा इससे कम के आयु वाले वैसे लोगों को दी जाएगी जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं. इनकी संख्या लगभग 27 करोड़ है.