पृथ्‍वी के घूमने की गति बढ़ी, 0.5 मिली सेकंड पहले ही एक चक्कर पूरा कर रही है

वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के घूमने की गति बढ़ रही है. हम सभी जानते हैं कि पृथ्‍वी 24 घंटे में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है. इसी कारण हमें दिन और रात का अनुभव होता है. अब यह 24 घंटे से पहले ही अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा कर रही है. वैज्ञानिक इसके करणों की खोज कर रहे हैं. नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले 50 सालों के दौरान धरती अपनी धुरी पर तेजी से घूमने लगी है.

वैज्ञानिकों को पहली बार पृथ्‍वी के अपनी धुरी पर घूमने की गति बढ़ने का पता जून 2020 में लगा था. तब से पृथ्‍वी 24 घंटे में 0.5 मिली सेकंड पहले ही एक चक्कर पूरा कर रही है. उनका कहना है कि इसके कारण हर देश को अपनी घड़ियों में बदलाव करना होगा. यह बदलाव एटॉमिक क्लॉक में करना होगा. विज्ञान की भाषा में इसे लीप सेकंड कहा जाता है. कुल मिलाकर वैज्ञानिकों को निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना होगा.

पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिक पृथ्‍वी के अपनी धुरी पर घूमने का पिछले 50 साल का रिकॉर्ड की जाँच कर रहे हैं. उनका अनुमान है कि 50 साल का सटीक समय निकालकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगे क्या होगा.

पिछले 50 साल में कई बार लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं. साल 1970 से अब तक 27 लीप सेकेंड जोडे़ गए हैं. पृथ्‍वी की घूमने की गति में होने वाले बदलाव के कारण ऐसा किया जाता है. आखिरी बार 31 दिसंबर 2016 को लीप सेकेंड जोड़ा गया था. अब, लीप सेकेंड की जगह ‘निगेटिव लीप सेकेंड’ जोड़ने की बात हो रही है.

पृथ्‍वी के घूमने की गति में परिवर्तन का असर

पृथ्‍वी के घूमने का असर व्यापक रूप से इन्सानों पर पड़ता है. यह बात महज चंद मिली सेकंड की नहीं है. यह समय गड़बड़ाने से हमारी संचार व्यवस्था में परेशानी आ सकती है. कारण हमारे सैटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार सेट किये जाते हैं. ये समय तारों, चांद और सूरज के पोजिशन के अनुसार सेट हैं.