भारत 1 जनवरी 2021 को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का अस्‍थायी सदस्‍य बना

भारत 1 जनवरी 2021 को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) का अस्‍थायी सदस्‍य बन गया. संयुक्‍त राष्‍ट्र के इतिहास में भारत 8वीं बार प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के का अस्‍थायी सदस्‍य बना है. भारत का दो साल का कार्यकाल से 31 दिसम्बर 2022 तक होगा.

जून 2020 में हुए चुनाव में भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको, नॉर्वे और केन्या को इसका का अस्‍थायी सदस्‍य चुना गया था. 193 सदस्‍यों वाली संयुक्‍त राष्ट्र महासभा में भारत को 184 मत मिले थे. भारत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2021-22 के लिए अस्‍थायी सदस्‍यता का एकमात्र उम्‍मीदवार था.

भारत अगस्त, 2021 में UNSC का अध्यक्ष पद संभालेगा. नियमों के अनुसार, हर सदस्य देश अंग्रेजी वर्णानुक्रम के अनुसार बारी-बारी से एक महीने के लिए अध्यक्षता करता है.

संयुक्त राष्ट्र संघ: एक दृष्टि

  • संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर हस्ताक्षर कर किया था. भारत शुरुआती दिनों से ही इसका सदस्य है.
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग हैं- 1. सुरक्षा परिषद्, 2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, 3. महासभा, 4. सचिवालय, 5. आर्थिक और सामाजिक परिषद् और 6. न्यायसिता परिषद्.
  • संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं- अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पैनिश. आधिकारिक भाषाएं छह हैं, लेकिन यहां पर संचालन भाषा केवल अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है. अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए इसका गठन किया गया है.
  • सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं- पांच स्थाई और दस अस्‍थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके स्थाई सदस्य हैं. दस अस्‍थायी सदस्य क्षेत्रीय आधार पर सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है.
  • सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पॉवर मिली हुई है, जबकि अस्थायी सदस्य के पास वीटो का अधिकार नहीं होता.

वीटो क्या है?

वीटो (veto) का शाब्दिक अर्थ है- ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं’. मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका के पास वीटो पावर है. स्थायी सदस्यों के फैसले से अगर कोई भी सदस्य सहमत नहीं है तो वह वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है.