उच्चतम न्यायालय ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगायी, विशेषज्ञों की एक समिति का गठन

उच्चतम न्यायालय ने तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला 12 जनवरी को सुनाया. उच्चतम न्यायालय की यह पीठ संसद द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.

विशेषज्ञों की एक समिति का गठन

उच्चतम न्यायालय की यह पीठ ने इन कानूनों के गुण और दोषों पर सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया है. गठित की गई समिति कोई आदेश पारित नहीं करेगी और न ही किसी को दंड देगी, बल्कि वह अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को प्रस्तुत करेगी. यह समिति न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा होगी. जब तक इस समिति की रिपोर्ट नहीं आती है तब तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक रहेगी. विशेषज्ञों समिति में चार सदस्य होंगे. ये सदस्य हैं:

  1. भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन)
  2. डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान)
  3. अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री)
  4. अनिल धनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र)

तीन कृषि कानूनों का विरोध

उल्लेखनीय है की संसद ने किसानों की आय को बढाने के लिए तीन कृषि कानूनों को पारित किया था. इन कानूनों में मौजूदा विकल्पों को जारी रखते हुए किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए कई और विकल्प दिए गये हैं. इन्हीं कानूनों के विरोध में मुख्य रूप से पंजाब के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.