अमेरिका ने की तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून बनाया

अमेरिका ने की तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने के लिए ‘द टिबेटन पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट (TPSA)’ कानून बनाया है. चीन यहां 50 साल से ज्यादा समय से लगातार उत्पीड़न कर रहा है. इससे पहले तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आमंत्रित किया था और उनके साथ आधिकारिक वार्ता की थी. चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था.

अमेरिकी संसद में TPSA कानून को सत्ता पक्ष और विपक्ष का मजबूत समर्थन मिला है. इससे संबंधित प्रस्ताव को प्रतिनिधि सभा में सांसद जेम्स मैकगवर्न और क्रिस स्मिथ ने रखा था. जबकि सीनेट में मार्को रूबियो और बेन कार्डिन ने पेश किया था.

तिब्बत में दलाई लामा की निर्वासित सरकार

चीन तिब्बत की सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के लिए सुनियोजित चालें चल रहा है. तिब्बत के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा ने भारत में शरण ली हुई है और उनके संरक्षकत्व में यहीं से तिब्बत की निर्वासित सरकार कार्य कर रही है. एक समय मध्य एशिया का यह स्वतंत्र देश अब दुनिया के सबसे ज्यादा उत्पीड़न झेल रहे इलाकों में से एक है.

TPSA कानून में तिब्बती बौद्ध समुदाय का फैसला सर्वोपरि

TPSA कानून दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन के मामले में तिब्बती बौद्ध समुदाय का फैसला सर्वोपरि मानता है. अमेरिका दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन प्रक्रिया में चीन सरकार के हस्तक्षेप को मान्यता नहीं देता.