भारतीय संसद भवन के सौ साल पूरे, मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

12 फरवरी 1921 को भारतीय संसद भवन के 100 साल पूरे हो गये. 1921 में इसी दिन मौजूदा संसद भवन की आधारशिला रखी गयी थी. 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र होने के बाद यह इमारत संसद भवन कहलाई.

भारतीय संसद भवन: एक दृष्टि

  • 12 फरवरी, 1921 को मौजूदा संसद भवन की आधारशिला ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी थी. उन्होंने इस बनने वाली इमारत को भारत के पुनर्जन्म के साथ-साथ उज्जवल भविष्य का प्रतीक बताया था.
  • मौजूदा संसद भवन का नक्शा प्रख्यात डिजायनर सर हरबर्ट बेकर ने सर एडविन लुटियंस के साथ मिलकर तैयार किया था. सर लुटियंस ने ही रायसीना हिल के आसपास की नई दिल्ली की बसावट का खाका खींचा था.
  • इस इमारत की आधारशिला रखने वाले ड्यूक ऑफ कनाट प्रिंस आर्थर के पदनाम पर ही नजदीक का कनाट प्लेस मार्केट बना.
  • प्रिंस आर्थर ब्रिटिश साम्राज्य के किंग जॉर्ज पंचम के चाचा थे. भारत के महत्व को समझते हुए ही उन्होंने कहा था- भारत की राजधानी को रोम की राजधानी एथेंस जैसा ही महत्व मिलना चाहिए. यह पूर्व के महत्वपूर्ण शहरों में शुमार होना चाहिए, जो अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए जाना जाए. भारत खुद बहुमूल्य परंपराओं वाला देश है.
  • इसलिए इसकी राजधानी में सम्राट अशोक से जुड़ी कुछ चीजें समाहित की जानी चाहिए, कुछ समानताएं मुगलकालीन शासन वाली भी होनी चाहिए.