वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्रीय आम बजट का सार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया. पहली बार केन्द्रीय आम बजट डिजिटल माध्यम से पेश किया गया था.
वित्त वर्ष 2021-22: एक दृष्टि | |
| |
रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया | |
सरकार की आमदनी | सरकार का खर्च |
|
|
बजट 2021-22 में आत्मनिर्भर भारत पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके लिए छह प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया गया है. ये हैं:
- स्वास्थ्य एवं खुशहाली
- भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
- मानव संसाधन में नवजीवन का संचार
- नवाचार और अनुसंधान व विकास
- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
1. स्वास्थ्य एवं कल्याण
बजट में स्वास्थ्य और कल्याण के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. यह राशि पिछले बजट में 94452 करोड़ रुपए के प्रावधान से 137 प्रतिशत अधिक है.
पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना
- एक नई केन्द्र प्रायोजित योजना ‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ शुरू की गयी है. यह योजना 64180 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 6 वर्ष के लिए शुरू की जाएगी.
- इसके अन्तर्गत प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमताओं को विकसित किया जाएगा, मौजूदा राष्ट्रीय संस्थाओं को मजबूत किया जाएगा और नई बीमारियों की पहचान करने तथा उनके इलाज के लिए और चिकित्सा केन्द्रों की स्थाना की जाएगी. ये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होंगी.
- इस योजना के अन्तर्गत 17788 ग्रामीण और 11000 से अधिक शहरी स्वास्थ्य और वैलनेस केद्र खोले जायेंगे. राज्यों में सभी जिलों में एकीकृत लोक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 3382 ब्लॉक लोक स्वास्थ्य इकाईयां स्थापित की जायेंगी. 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लाक स्थापित किया जाएगा.
टीका
- बजट में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए प्रदान किये गए हैं तथा आवश्यकता होने पर अधिक राशि देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
न्यूमोकोल वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine), को पूरे देश में दिया जायेगा. न्यूमोकोल, स्वदेश में निर्मित निमोनिया व दिमागी बुखार की वैक्सीन है.
पोषण
- पोषक तत्वों को बढ़ाने के साथ-साथ इनकी डिलीवरी, पहुंच एवं परिणाम को बेहतर करने के लिए सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय कर देगी तथा मिशन पोषण 2.0 को लॉन्च करेगी.
जलापूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन
- शहरी जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा. इसके अंतर्गत 4378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों के साथ सर्वसुलभ जलापूर्ति और 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट का प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी. इसे 2.87 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय से पांच वर्ष में कार्यान्वित किया जाएगा.
- शहरी स्वच्छ भारत मिशन को 2021-2026 तक 1.42 लाख करोड़ रुपए के कुल वित्तीय आवंटन से कार्यान्वित किया जाएगा.
वायु प्रदूषण समस्या के समाधान का प्रस्ताव
- वित्तमंत्री ने वायु प्रदूषण की विकराल होती समस्या के समाधान के लिए, 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरों के लिए 2217 करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराने का प्रस्ताव किया है.
- बजट में पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध रूप से हटाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गयी है. इसके अन्तर्गत 20 वर्ष पुराने व्यक्तिगत और 15 वर्ष पुराने वाणिज्यिक वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस केन्द्रो में फिटनेस जांच करानी होगी.
हाड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने का प्रस्ताव
- प्रधानमंत्री ने नवम्बर 2020 में तीसरे री-इंवेस्टमेंट कांफ्रेंस में राष्ट्रीय हाईड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने की घोषणा की थी. वित्तमंत्री ने 2021-22 में हाड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने का प्रस्ताव किया है. इसके अंतर्गत ग्रीन पावर स्रोतों से हाईड्राजन पैदा की जा सकेगी.
2. भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
- बजट अनुमानों में पूंजीगत बजट में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है. इसके लिए 5.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो 2020-21 के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है.
आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना
- आत्मनिर्भर भारत के लिए 13 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) की घोषणा की गई है. इसका उद्देश्य भारत को विनिर्माण में वैश्विक चैम्पियन बनाना है.
- इसके लिए सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 से शुरू करते हुए पांच वर्ष में लगभग 1.97 लाख करोड रुपये की व्यवस्था करने के लिए वचनबद्ध है.
- इसी तरह वस्त्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम के अलावा ‘मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क (MITRA)’ नामक योजना शुरू की जाएगी. इसके अंतर्गत तीन वर्षों में सात टैक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे.
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) का विस्तार किया गया है. 2019 में 6,835 परियोजनाओं के साथ NIP की घोषणा की गई थी. इसका विस्तार कर अब NIP में 7400 परियोजनाएं कर दी गयी हैं. 1.10 लाख करोड़ रुपये की लागत की लगभग 217 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं.
- विकास वित्त संस्थान (DFI) की स्थापना के लिए एक विधेयक लाया जाएगा. यह ढांचागत निवेश के लिए प्रदाता और उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा. इस बजट में DFI के लिए 20,000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. DFI के लिए 3 वर्षों में कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पोर्टफोलियो सुनिश्चित करने की महत्वाकांक्षा है.
सड़क एवं राजमार्ग अवसंरचना
- 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत 3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 13000 किलोमीटर से भी अधिक लंबी सड़कों के ठेके दिए जा चुके हैं. इनमें से 3800 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हो चुका है.
- मार्च 2022 तक सरकार 8500 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए भी ठेके दे देगी. इसके साथ ही सरकार 11000 किलोमीटर और लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लेगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का विस्तारित परिव्यय प्रदान किया है.
रेलवे अवसंरचना
- भारतीय रेलवे ने देश के लिए रेल योजना-2030 तैयार की है. बजट में रेलवे के लिए 1.155 लाख करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गयी. इसमें से 1.071 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं.
- यह संभावना है कि पश्चिमी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) और पूर्वी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर (Eastern Dedicated Freight Corridor) जून, 2022 तक हो जाएंगे.
- यात्री सुविधाओं के अंतर्गत पर्यटक मार्गों पर सौंदर्यपरक रूप से डिजाइन किए गए बिस्टाडोम LHV कोच शुरू करने की घोषणा की गयी.
मेट्रो रेल नेटवर्क और सिटी बस सेवा
- सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार और सिटी बस सेवा में बढ़ोतरी के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास करेगी. बस सेवाओं में बढ़ोतरी के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से नई योजना शुरू की जाएगी.
- कुल 702 किलोमीटर लंबी मेट्रो परिचालन में है और 27 शहरों में 1,016 किलोमीटर मेट्रो निर्माणाधीन हैं.
- टियर-2 शहरों और टियर-1 शहरों के आसपास के इलाकों में कम लागत में समान अनुभव, सुविधा और सुरक्षा से युक्त मेट्रो रेल प्रणालियां उपलब्ध कराने के लिए दो नई तकनीक ‘मेट्रोलाइट’ और ‘मेट्रोनियो’ लागू की जाएंगी.
विद्युत अवसंरचना
- अगले 5 वर्ष में 3.06 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ विद्युत वितरण क्षेत्र योजना का प्रस्ताव किया गया है. योजना के तहत, बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को वित्तीय स्थिति में सुधार और अवसंरचना निर्माण के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस
- उज्ज्वला योजना का लाभ 8 करोड़ परिवारों को पहले ही मिल चुका है और अब 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों तक इसका विस्तार किया जाएगा.
- अगले तीन वर्ष में शहरी गैस वितरण नेटवर्क में 100 अतिरिक्त शहरों को जोड़ा जाएगा. जम्मू व कश्मीर संघ शासित क्षेत्र में एक गैस पाइपलाइन परियोजना शुरू की जाएगी.
- गैर भेदभावपूर्ण मुक्त पहुंच के आधार पर सभी प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में सामान्य वाहक क्षमता की बुकिंग की सुविधा और समन्वय के लिए एक स्वतंत्र गैगैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर की स्थापना की जाएगी.
बीमा, बैंक और वित्तीय पूंजी
- सेबी अधिनियम-1992, डिपॉजिटरीज अधिनियम-1996, प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम-1956 और सरकारी प्रतिभूति अधिनियम-2007 के प्रावधानों को समेकित करने का प्रस्ताव है.
- बीमा कम्पनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. इसके लिए बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन किया जायेगा.
- सरकार ने बजट अनुमान 2020-21 में विनिवेश से 1,75,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई है. वित्त वर्ष 2021-22 में BPCL, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, IDBI बैंक, BEML, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कई उद्यमों का विनिवेश पूरा कर लिया जाएगा.
- सरकार का IDBI बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण भी वर्ष 2021-22 में पूरा करने का प्रस्ताव है. सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) भी लाएगी.
- सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं. सरकारी बैंकों की फंसी हुई पूंजी (NPA) की समस्या से निपटने के लिए परिसम्पत्ति पुननिर्माण कम्पनी और परिसम्पत्ति प्रबंधित कम्पनी (Asset Reconstruction and Asset Management Company) स्थापित की जाएंगी.
- बजट में बैंक जमाकर्ताओं के लिए बिमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की भी मंजूरी दी गयी है.
3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
आकांक्षी भारत के लिए वित्त मंत्री ने समावेशी विकास के अंतर्गत कृषि एवं सहायक क्षेत्रों, किसान कल्याण और ग्रामीण भारत, प्रवासी मजदूर व श्रम और वित्तीय समावेशन को शामिल करने की घोषणा की है.
कृषि
- किसानों को समुचित ऋण प्रदान करने के लिए कृषि ऋणों का लक्ष्य बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है. ग्रामीण ढांचा विकास कोष के लिए आबंटन 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रूपये करने की भी घोषणा की गई है. नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना किया जाएगा.
- कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य संवर्धन व उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना’ के दायरे में अब 22 जल्दी सड़ने वाले उत्पाद शामिल हो जाएंगे. वर्तमान में यह योजना टमाटर, प्याज और आलू पर लागू है.
- कृषि विपणन में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ई-नैम के साथ 1000 और मंडियों को एकीकृत करेगी.
- मछली पकड़ने और मछली उतारने के 5 प्रमुख केन्द्रों – कोच्चि, चेन्निई, विशाखापतनम, पारादीप, और पेटुआघाट- को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
प्रवासी कामगार और श्रमिक
- एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है. बाकी चार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अगले कुछ महीनों में इससे जुड़ जाएंगे. एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना में लाभार्थी देश में कहीं भी अपना राशन का दावा कर सकते हैं.
- न्यूनतम वेतन सभी श्रेणी के कामगारों पर लागू होंगे और वह सभी कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत आएंगे. महिलाओं को सभी श्रेणियों में तथा उचित सुरक्षा के साथ रात की शिफ्ट में भी काम करने की अनुमति दी जाएगी.
वित्तीय समावेश
- अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत नकदी प्रवाह सहायता को आगे बढ़ाने की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने मार्जिन मनी की जरूरत 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए ऋणों को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया गया. MSME क्षेत्र के लिए 15,700 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गये हैं.
4. मानव पूंजी को मजबूत बनाना
शिक्षा
- 15000 से अधिक स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों को शामिल करके गुणवत्ता रूप से मजबूत बनाया जाएगा. NGO/निजी स्कूलों/राज्यों की भागीदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे.
- एक छत्रक निकाय के रूप में एक भारतीय उच्च शिक्षा आयोग स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. इसमें मानक, स्थापना, मान्यता, विनियमन और वित्त पोषण के लिए 4 अलग घटक शामिल हैं. लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए सरकार ने लेह में केंद्रीय विश्व विद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया है.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण
- जनजातीय क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. ऐसे प्रत्येक स्कूल की लागत 20 करोड़ से बढ़ाकर 38 करोड़ तथा पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों में 48 करोड़ रुपए करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
- अनुसूचित जानजातियों के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत केंद्रीय सहायता बढ़ाई गई थी और 2025-26 तक छह वर्षों के लिए कुल 35,219 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. इससे अनुसूचित जाति के 4 करोड़ छात्रों को लाभ मिलेगा.
कौशल
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ भागीदारी में कौशल योग्यता, आकलन और प्रमाणीकरण के साथ-साथ प्रमाणीकृत कर्मियों की तैनाती के निर्धारण के लिए एक पहल प्रक्रियाधीन है.
- जापानी औद्योगिक और व्यावसायिक कौशल तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण में सहायता के लिए जापान और भारत में एक सहयोगात्मक ट्रेनिंग इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम (TITP) भी चल रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक देशों के साथ ऐसी पहल की जाएगी.
5. नावाचार, अनुसंधान एवं विकास
- सरकार एक नई पहल – राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (NTLM) की शुरुआत करेगी. इससे प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराई गई शासन एवं नीति संबंधित ज्ञानरूपी दौलत इंटरनेट पर उपलब्ध होगी.
- अंतरिक्ष विभाग के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ‘द न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (NSIL) कुछ छोटे भारतीय उपग्रहों के साथ ब्राजील से एमेजोनिया उपग्रह ले जाने वाले PSLV-CS51 को लॉन्च करेगा.
- गंगायन मिशन गतिविधियों के एक भाग के रूप में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस के जैनेरिक स्पेस फ्लाइट आस्पेक्ट पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. पहला मानव रहित लॉन्च दिसंबर 2021 में होने का कार्यक्रम है.
6. न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन
भारत के इतिहास में आगामी जनगणना प्रथम डिजिटल जनगणना हो सकती है और इस बड़े और महत्वपूर्ण कार्य के लिए वर्ष 2021-2022 में 3,768 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
राजकोषीय घाटा
- संशोधित अनुमान 2020-21 में राजकोषीय घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 9.5 प्रतिशत हो गया है और इसे सरकारी ऋणों, बहुपक्षीय ऋणों, लघु बचत निधियों और अल्पकालिक ऋणों के माध्यम से धन उपलब्ध कराया गया है.
- बजट अनुमान 2021-22 में राजकोषीय घाटा GDP का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अगले साल बाजार से कुल उधारी लगभग 12 लाख करोड़ की होगी.
- 15वें वित्त आयोग की मद के अनुसार सरकार राज्यों के लिए नेवल उधार की सामान्य उच्चतम सीमा सकल राज घरेलू उत्पाद के 4 प्रतिशत पर नियत करने की अनुमति दे रही है.
प्रत्यक्ष कर प्रस्ताव
- सरकार ने प्रत्यक्ष कर प्रणाली में अनेक सुधार किए हैं. महामारी से पहले और इसके साथ बिना किसी जुडाव के निगम कर की दर काफी कम कर दी गई है. अब भारत दुनिया में न्यूनतम निगम कर वाले देशों में शामिल हो गया है. लाभांश वितरण कर भी समाप्त कर दिया गया है.
- छोटे करदाताओं पर बढती छूटों के कारण कर का बोझ कम हुआ है. वर्ष 2020 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या तेजी से बढकर 6.48 करोड हो गई है. वर्ष 2014 में यह केवल 3.31 करोड थी.
- छोटे करदाताओं के लिए एक ‘National Faceless Income Tax Tribunal’ बनाने की घोषणा की गयी है.
- पिछले बजट में एक करोड टर्न ओवर वाले खातों के स्थान पर पांच करोड रुपये तक के खातों पर भी छूट देने का प्रस्ताव किया गया था. अब इस छूट को बढाकर दस करोड रुपये तक के खातों पर लागू करने का प्रस्ताव है.
- आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं कियागया है. 75 वर्ष से ऊपर आयु के वरिष्ठ नागरिकों और केवल पेंशन पर निर्भर व्यक्तियों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है.
अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव
- जीएसटी को और सुचारू बनाने तथा प्रतिलोमी शुल्क संरचना जैसी विसंगतियों को दूर करने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएगें.
- 1 अक्टूबर, 2021 से विकृतियों से मुक्त संशोधित सीमा-शुल्क संरचना स्थापित की जाएगी. सीमा-शुल्क में कोई नई रियायत इसके जारी होने की तिथि से दो वर्षों के बाद 31 मार्च तक वैध होगी.
- घरेलु क्षमता को बढ़ाने के लिए सोलर सैल और सोलर पैनलों के लिए चरणबद्ध तरीके से विनिर्माण योजना को अधिसूचित किया जाएगा.