शरण कुमार लिंबाले को 30वें सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जायेगा

मराठी लेखक डॉक्टर शरण कुमार लिंबाले को वर्ष 2020 का सरस्वती सम्मान से सम्मनित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘सनातन’ के लिए दिया गया है.

केके बिरला फाउंडेशन के चयन परिषद ने शरण कुमार लिंबाले को 30वें सरस्वती सम्मान के लिए चुना है. ‘सनातन’ एक मराठी उपन्यास है जिसका प्रकाशन 2010 में हुआ था.

सरस्वती सम्मान: एक दृष्टि

  • सरस्वती सम्मान केके बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा साहित्य के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार है. इसकी शुरूआत 1991 में हुई थी.
  • यह सम्मान प्रतिवर्ष संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं की में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को दिया जाता है.
  • यह सम्मान दस साल की अवधि में प्रकाशित किसी श्रेष्ठ कृति को दिया जाता है.
  • इस सम्मान के तहत उन्हें को 15 लाख रुपए, प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है.
  • 27वां सरस्वती सम्मान (वर्ष 2017 के लिए) सितांशु यशचन्द्र को और  28वां सरस्वती सम्मान (वर्ष 2018 के लिए) तेलुगू के प्रख्यात कवि डा. के शिवा रेड्डी को दिया गया था.
  • पहला सरस्वती सम्मान डा. हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए मिला था.
  • अब तक यह सम्मान विजय तेंदुलकर,पद्मा सचदेव, गोविन्द मिश्र, सुरजीत पातर, शंख घोष, डा. इंदिरा पार्थसारथी, सुनील गंगोपाध्याय और मनोज दास, रमाकांत रथ, प्रो के अय्यप्प पणिक्कर, डॉक्टर एम वीरप्पा मोइली जैसे लेखकों को मिल चुका है.
  • 29वां सरस्वती सम्मान (वर्ष 2017 के लिए) प्रख्यात सिंधी लेखक वासदेव मोही को दिया गया था.