रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 5 मार्च को सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया. परीक्षण में ग्राउंड बूस्टर मोटर समेत सभी सिस्टम उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया.
SFDR मिसाइल: मुख्य बिंदु
यह मिसाइल सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) तकनीक पर आधारित है. यह तकनीक भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है.
यह मिसाइल भारत की सतह-से-हवा और हवा-से-हवा दोनों ही मिसाइलों को बेहतर प्रदर्शन करने और उनकी स्ट्राइक रेंज को बढ़ाने में मदद करेगा. इस मिसाइल की मारक क्षमता 100-200 किमी है.
भारत में SFDR परियोजना का लक्ष्य लंबी दूरी की मिसाइलों के प्रणोदन प्रणाली के तकनीकों को उन्नत करना है. इस प्रणाली में थ्रस्ट मॉड्यूलेटेड डक्टेड रॉकेट के साथ-साथ स्मोक नोजल-लेस मिसाइल बूस्टर शामिल है.
इस सिस्टम में थ्रस्ट मॉडुलन गर्म गैस प्रवाह नियंत्रक का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है और इसके साथ ही यह प्रणाली एक ठोस ईंधन वाले वायु-श्वास रैमजेट इंजन का भी उपयोग करती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-06 23:55:452021-03-08 09:37:42DRDO ने SFDR मिसाइल का सफल परीक्षण किया, मारक क्षमता 100-200 किमी