दिग्गज फिल्म अभिनेता रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार (51st Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किया जाएगा. उन्हें वर्ष 2019 का दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 1 अप्रैल को इसकी घोषणा की.
दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए रजनीकांत के नाम का चुनाव सिलेक्शन ज्यूरी ने किया है. इस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल थे.
रजनीकांत
रजनीकांत बीते 5 दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं. उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था. वह फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे.
रजनीकांत ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत बालचंद्र की तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ से की थी. इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थे. रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी. दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे.
कई नकारात्मक किरदारों का अभिनय करने के बाद नायक के रूप में रजनीकांत की पहली फिल्म एसपी मुथुरमन की फिल्म ‘भुवन ओरु केल्विकुरी’ थी. उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी.
दादा साहब फाल्के पुरस्कार: एक दृष्टि
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है.
यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, जो भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है.
यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के जनक धुंदीराज गोविंद फाल्के (दादा साहब फाल्के) के नाम पर दिया जाता है.
इस पुरस्कार का प्रारम्भ दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दि-वर्ष 1969 में हुआ था.
पहली बार यह सम्मान 1969 में 17वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था.
अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है. रजनीकांत से पहले अमिताभ बच्चन को 50वां पुरस्कार (वर्ष 2018 के लिए) दिया गया था.
इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये और स्वर्ण कमल दिये जाते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-04-02 10:46:392021-10-26 18:18:22फिल्म अभिनेता रजनीकांत को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा