डेली कर्रेंट अफेयर्स
वर्ष 2020-21 के दौरान कर संग्रह के आंकड़े जारी, अनुमान से 8.2 प्रतिशत अधिक कर संग्रह
वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रह के शुरुआती आंकड़े हाल ही में जारी किये. इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 के दौरान देश में कर संग्रह 9.89 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 8.2 प्रतिशत अधिक रहा. देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये रहा.
वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 में कर संग्रह के आंकड़े: मुख्य बिंदु
- वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये रहा. यह वृद्धि वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 8 प्रतिशत कमी के बाद भी दिखी है. इससे पिछले वर्ष (2019-20) अप्रत्यक्ष कर संग्रह 9.54 लाख करोड़ रुपये रहा था.
- सीमा शुल्क और पेट्रोल एवं डीजल पर कर बढ़ाए जाने तथा दूसरी छमाही में खपत में कुछ तेजी आने के कारण अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि हुई है.
- अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वर्ष 2020-21 के कारण वित्त वर्ष 2021 में कुल कर संग्रह 20.16 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 20.05 लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहा. प्रत्यक्ष कर संग्रह में 10 प्रतिशत कमी के बाद भी कुल कर संग्रह अधिक रहा है.
- अप्रत्यक्ष कर में GST, उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क आते हैं. वित्त वर्ष 2021 में सीमा शुल्क के रूप में 1.32 लाख करोड़ रुपये वसूले गए, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के 1.09 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक रहे.
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर (बकाये) से होने वाला संग्रह भी आलोच्य अवधि के दौरान 58 प्रतिशत बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
वैश्विक खाद्य नीति रिपोर्ट 2021
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (International Food Policy Research Institute-IFPRI) ने हाल ही में वैश्विक खाद्य नीति रिपोर्ट (Global Food Policy Report-GFPR) 2021 जारी की थी. इस वर्ष संस्थान ने “Transforming Food Systems After COVID-19” थीम पर आधारित रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत सहित विश्व के विकासशील देशों में व्याप्त गरीबी, भूख और कुपोषण के ताज़ा स्थिति और उसके उपायों को बताया गया है.
वैश्विक खाद्य नीति रिपोर्ट (GFPR) 2021 के महत्वपूर्ण तथ्य
- रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 95 मिलियन लोग, ज्यादातर अफ्रीका में अत्यधिक गरीबी में रह रहे हैं. COVID-19 महामारी के पहले तुलना में गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या में 150 मिलियन की वृद्धि हुई है.
- वैश्विक स्तर पर महिलाओं का रोजगार 39% है. हालांकि, महामारी के दौरान उनमें से 54% महिलाओं की नौकरी चली गयी.
- रिपोर्ट में सरकारों को विकास के एजेंडे पर खाद्य प्रणाली परिवर्तन को सही तरीके से रखने के लिए COP26, UNFSS (संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन) और Nutrition for Growth Summit जैसे वैश्विक आयोजनों के उपयोग की शिफारिस की गयी है.
भारत के सन्दर्भ में रिपोर्ट
- COVID-19 लॉकडाउन के कारण स्कूल (मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम) और डे केयर सेंटर में पौष्टिक खाद्य उत्पादों की उपलब्धता प्रभावित हुई. भारत का मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में देश के 80% प्राथमिक स्कूली बच्चे शामिल हैं.
- प्रवासी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में शामिल करने के लिए भारत का प्रयास एक बड़ी सफलता थी.
- भारत में लगभग 80 मिलियन हेक्टेयर भूमि को कॉमन्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है. यह (कॉमन्स) देश में 350 मिलियन से अधिक लोगों के लिए आजीविका का स्रोत प्रदान करता है. इसमें वन, जल निकाय और चारागाह शामिल थे. वे अपने वन उत्पादों और चारे के लिए इन क्षेत्रों पर निर्भर हैं.
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान: एक दृष्टि
- अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) विकासशील देशों में गरीबी, भूख और कुपोषण को कम करने के लिये अनुसंधान आधारित नीतिगत समाधान प्रदान करता है.
- IFPRI की स्थापना 1975 में हुई थी. इस मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है. यह CGIAR (Consultative Group for International Agricultural Research) का एक अनुसंधान केंद्र है.
- CGIAR अनुसंधान ग्रामीण गरीबी को कम करने, खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, मानव स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करने और प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिये समर्पित है.
14 अप्रैल 2021: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती, समानता दिवस
प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. 14 अप्रैल 2021 को बाबा साहब की 120वीं जयंती मनाई गयी. भीमराव अंबेडकर का जन्म इसी दिन 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था. बाबा साहेब को आधुनिक भारत का निर्माता और भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता थे.
बाबा साहब की जयंती: समानता दिवस
बाबा साहब की जयंती को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतीक और ज्ञान का प्रतीक भी कहा जाता है.
डॉ आंबेडकर के मुख्य योगदान: एक दृष्टि
- निम्न वर्ग समूह के लोगों के लिये अस्पृश्यता के सामाजिक मान्यता को मिटाने के लिये उन्होंने काम किया.
- दलित वर्ग के अस्पृश्य लोगों के लिये सीट आरक्षित करने के लिये पूना संधि के द्वारा उन्होंने अलग निर्वाचक मंडल की माँग की.
- डॉ अंबेडकर संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे. उन्होंने एक ऐसे संविधान की रचना की जिसकी नज़रों में सभी नागरिक एक समान हों, धर्मनिरपेक्ष हो और जिस पर देश के सभी नागरिक विश्वास करें.
- भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में इन्होंने एक बड़ी भूमिका निभायी क्योंकि वो एक पेशेवर अर्थशास्त्री थे.
- भारत के जम्मू कश्मीर के लोगों के लिये विशेष दर्जा उपलब्ध कराने के लिये भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे.
- इसके अलावा डॉक्टर अंबेडकर की प्रेरणा से ही भारत के वित्त आयोग की स्थापना हुई थी.
- डा. अम्बेडकर को 1990 में मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
13 अप्रैल: जलियांवाला बाग हत्याकांड, खालसा पंथ की स्थापना
प्रत्येक वर्ष 13 अप्रैल को राष्ट्र, जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) की बरसी पर शहीदों को नमन करता है. इसी दिन ही सन 1919 में ब्रिटिश आर्मी का ब्रिगेडियर जनरल डायर ने अमृत्सर के जलियांवाला बाग में निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस जघन्य हत्याकांड में 1000 से भी ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. 13 अप्रैल 1921 को इस निर्मम हत्याकांड के 102 वर्ष पूरे हो गए हैं.
‘खालसा पंथ’ की स्थापना
13 अप्रैल का दिन कई अन्य मायनों में भी महत्वपूर्ण है. इसी दिन 1699 में सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने ‘खालसा पंथ’ की स्थापना आनंदपुर साहिब में की थी. इसी दिन फसल पकने की खुशी में बैसाखी का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है.
खालसा सिख धर्म के विधिवत् दीक्षा-प्राप्त अनुयायियों सामूहिक रूप है. इस दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने सर्वप्रथम पाँच प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया तथा तत्पश्चात उन पाँच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया.
पुरुष दीक्षा-प्राप्त अनुयायियों को पाँच ककार (केश, कंघा, कच्छा, कड़ा और कृपाण) धारण करने की शपथ लेनी पड़ती है जो ‘ख़ालसा पंथ’ के प्रतीक हैं. साथ ही वे तंबाकू या शराब का सेवन न करने की भी शपथ लेते हैं.
जलियांवाला बाग निर्मम हत्याकांड: एक दृष्टि
- जिस समय इस घटना को अंजाम दिया गया उस समय वहां मौजूद लोग रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा कर रहे थे.
- जिस दिन इस घटना को अंजाम दिया गया था, उस दिन बैसाखी थी.
- इस घटना के बाद से ही देश में ऊधम सिंह, भगत सिंह सहित कई क्रांतिकारी युवाओं में देश-भक्ति की लहर दौड़ गई.
- इस दौरान बेगुनाह लोग अपनी जान बचाने के लिए बाग में बने कुएं में कूद गए थे, जिसे अब ‘शहीदी कुआं’ कहा जाता है.
- भारत के दबाव में इस घटना की जांच के लिए 1919 में हंटर कमीशन का गठन किया गया था.
- हंटर कमीशन के रिपोर्ट के बाद डायर को ब्रिटेन वापस भेज दिया गया.
- ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी किए गए दस्तावेज में बताया गया था कि जलियांवाला बाग हत्याकांड में 379 लोग मारे गए थे और 1,200 लोग घायल हुए.
13 अप्रैल: सियाचिन दिवस, सियाचिन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस (Siachen Day) मनाया जाता है. आज ही के दिन 1984 में लद्दाख के सियाचिन में भारतीय सेना को विजय मिली थी. इस ग्लेशियर पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर तिरंगा फहराया था. सेना के इसी जज्बे और जोश को सलाम करने के मकसद से यह दिवस मनाया जाता है.
सियाचिन: एक दृष्टि
- सियाचिन ग्लेशियर हिमालय की पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में स्थित है. यह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. 33,000 वर्ग किमी तक फैला यह दुनिया का सबसे ऊँचाई पर स्थित युद्ध क्षेत्र है.
- 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने बिलाफोंड ला और दूसरी अहम पोस्ट्स को ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत दुश्मन से सुरक्षित किया था.
- वर्ष 1984 में पाकिस्तान ने सियाचिन पर अपने सैनिकों को भेजकर कब्जे की कोशिश की थी. भारतीय सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए 13 अप्रैल 1984 को ‘ऑपरेशन मेघदूत’ शुरू किया थी.
14 अप्रैल 2021 को दूसरा विश्व चगास रोग दिवस मनाया गया
14 अप्रैल 2021 को दूसरा विश्व चगास रोग दिवस (World Chagas Disease Day) मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पीड़ितों और स्वस्थ लोगों में इस रोग से बचाव और नियंत्रण की जानकारी साझा करना है.
चगास रोग: एक दृष्टि
- ‘चगास’ का नाम डॉ कार्लोस जस्टिनियानो रिबेरो चगास के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 14 अप्रैल 1909 को इस बीमारी के पहले रोगी का उपचार किया था.
- चगास रोग को अमेरिकन ट्रायपेनोसोमासिस भी कहा जाता है. यह एक उष्णकटिबंधीय परजीवी रोग है जो प्रोटीन ट्राइनोनोसोमा क्रूज़ी के कारण होता है. यह ज्यादातर ट्रायटोमिना कीड़ों द्वारा फैलता है.
- चगास रोग के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सूजन लिम्फ नोड्स, सिरदर्द या स्थानीय सूजन शामिल हो सकते हैं.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने की औपचारिक घोषणा
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 11 सितंबर से पहले अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने की औपचारिक घोषणा कर दी है. 11 सितम्बर को वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर आतंकवादी हमले के 20 वर्ष पूरे हो जाएंगे. अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अमरीका सैनिकों की वापसी के बाद भी अफगानिस्तान को समर्थन जारी रखेगा लेकिन सैन्य सहायता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सैनिकों की वापसी पहली मई को शुरू होगी और 11 सितंबर तक पूर्ण हो जाएगी.
DCGI ने स्पुतनिक-वी के आपात उपयोग की अनुमति दी
भारतीय औषध महानियंत्रक (DCGI) ने रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी के आपात उपयोग की अनुमति दी है. इस वैक्सीन को अनुमति मिल जाने से भारत में कोविड के उपचार के लिए तीसरा टीका उपलब्ध हो गया है. स्पुतनिक-वी को स्वीकृति देने वाला भारत विश्व का 60वां देश है. इससे पहले स्वदेश निर्मित कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गयी थी.
पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह जूनियर का निधन
भारतीय टीम के पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह जूनियर का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे 1958 के एशियाई खेलों में रजत जीतने वाली टीम के सदस्य थे.