अमेरिका ने भारत सहित 11 देशों को ‘मुद्रा व्यवहार निगरानी सूची’ में रखा

अमेरिका ने भारत सहित 11 देशों को उनकी मुद्रा के व्यवहार को लेकर ‘मुद्रा व्यवहार निगरानी सूची’ (Currency Manipulator Watch List) में रखा है. अन्य 10 देश जापान, चीन, जर्मनी, कोरिया, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, मैक्सिको और थाईलैंड हैं.

‘मुद्रा व्यवहार निगरानी सूची’ क्या है?

अमेरिका उन देशों को ‘मुद्रा व्यवहार निगरानी सूची’ में रखता है, जिनके बारे में उसे लगता है कि वे देश डॉलर के मुकाबले अपनी मुद्रा का जान-बूझकर अवमूल्यन करके ‘अनुचित मुद्रा व्यवहारों’ में संलग्न हैं. मुद्रा अवमूल्यन के कारण उस देश का निर्यात अधिक हो जाता है. इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटे में कमी होती है.

अमेरिका द्वारा किस देश को मुद्रा व्यवहार निगरानी सूची में मुख्य रूप से तीन मानदंडों के आधार पर रखा जाता है. ये मानदंड हैं- चालू खाता अधिशेष, द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष और विदेशी मुद्रा बाजारों में निरंतर एकतरफा हस्तक्षेप.

भारत को तीन में से दो मानदंडों के आधार पर इस सूची में डाला गया है जो द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष और निरंतर एकतरफा हस्तक्षेप हैं.

करेंसी मैनिपुलेटर्स वॉच लिस्ट

यूएस ट्रेज़री विभाग द्वारा व्यापारिक भागीदार देशों की एक सूची बनाई जाती है जिसमें ऐसे भागीदार देशों की मुद्रा के व्यवहार और उनकी वृहद आर्थिक नीतियों पर नजदीकी से नज़र रखी जाती है. यह अमेरिका के 20 सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों के मुद्रा व्यवहारों की समीक्षा करता है.

निगरानी सूची में रखे जाने के प्रभाव

सूची में शामिल करना किसी भी तरह के दंड और प्रतिबंधों के अधीन नहीं है लेकिन यह निर्यात लाभ हासिल करने के लिये मुद्राओं के अवमूल्यन सहित विदेशी मुद्रा नीतियों के संदर्भ में वित्तीय बाज़ारों में देश की वैश्विक वित्तीय छवि को खराब करता है.