डेली कर्रेंट अफेयर्स
RBI ने आकस्मिक जोखिम कोष कुल पूंजी के 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आकस्मिक जोखिम कोष (Contingency Risk Buffer) कुल पूंजी के 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत RBI ने आरक्षित कोष से केन्द्र सरकार को 99.122 हजार करोड़ रुपये अधिशेष के रूप में अंतरित करने की मंजूरी दे दी. RBI ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए यह रकम दी है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में 21 मई को हुई केन्द्रीय बोर्ड की 589वें बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस बैठक में वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों तथा कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिये हाल के नीतिगत उपायों की समीक्षा की.
RBI का अधिशेष क्या होता है?
RBI को अपनी आय में किसी तरह का आय कर नहीं देना पड़ता. इसलिए अपनी जरूरतें पूरी करने, जरूरी प्रावधान और जरूरी निवेश के बाद जो राशि बचती है वह अधिशेष राशि (सरप्लस फंड) होती है. इसे लेकर सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच विवाद भी रहा है.
RBI के आय के मुख्य स्रोत
- बैंकों व वित्तीय संस्थानों को दिए गए ऋण पर ब्याज
- केंद्र व राज्य सरकारों को दिए गए पैसे पर ब्याज
- विदेशी मुद्रा से होने वाली कमाई
RBI का मुख्य खर्च
- नोटों की छपाई पर
- एजेंसियों का शुल्क और कमीशन
- कर्मचारियों की सैलरी व अन्य खर्च
- आकस्मिक निधि (कंटिजेंसी फंड) के लिए तय प्रावधान
केंद्र सरकार और RBI के बीच मतभेद
पिछले वर्ष, RBI के रिजर्व के स्तर पर केंद्र सरकार और RBI के बीच मतभेद पैदा हुए थे. सरकार ने कहा था कि RBI के रिजर्व का स्तर एसेट्स के 26 फीसदी पर है, जबकि दुनिया भर में यह स्तर 16 फीसदी है. सरकार ने अतिरिक्त रिजर्व को अपने खाते में ट्रांसफर करने की मांग की थी.
RBI ने आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए RBI के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था.
जालान समिति की सिफारिश
जालान समिति ने आकस्मिक जोखिम कोष रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का 6.5 से 5.5 प्रतिशत तक सीमित रखने और इससे अतिरिक्त रकम को सरकार को सौंपे जाने की सिफारिश की थी.
भारतीय नौसेना के पहले विध्वंसक पोत ‘INS राजपूत’ को विदाई दी गई
भारतीय नौसेना के पहले विध्वंसक पोत ‘INS राजपूत’ को 21 मई को नौसेना की सेवा से विदाई दे दी गई. इस पोत को नेवल डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में नौसेना की सेवा से हटाया (डीकमीशन) गया. 41 साल की सेवा के बाद इस पोत को विदाई दी गयी है.
इस पोत का निर्माण सोवियत संघ ने किया था और इसे 4 मई, 1980 को नौसेना में शामिल किया गया था. यह भारतीय नौसेना का पहला पोत था जिसे थल सेना की किसी रेजीमेंट (राजपूत रेजीमेंट) से संबद्ध किया गया था. इसने पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े में अपनी सेवाएं दी. इसका आदर्श वाक्य “राज करेगा राजपूत” था.
इस पोत ने पिछले चार दशकों में कई प्रमुख मिशनों में भाग लिया. इनमें भारतीय शांतिरक्षक बलों की सहायता के लिए श्रीलंका में चलाया गया ‘ऑपरेशन अमन’, श्रीलंका के तट पर गश्ती कार्य के लिए ‘ऑपरेशन पवन’ और मालदीव में बंधकों की समस्या के समाधान के लिए चलाया गया ‘ऑपरेशन कैक्टस’ शामिल हैं.
DRDO ने कोरोना वायरस एंटीबॉडी डिटेक्शन किट ‘DIPCOVAN’ तैयार की
रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने कोरोना वायरस एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार की है. इस किट का नाम ‘DIPCOVAN’ रखा गया है. इस किट ka उपयोग कर SARS-CoV-2 वायरस के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (S&N) प्रोटीन का भी 97% की उच्च संवेदनशीलता और 99% की विशिष्टता के साथ पता लगाया जा सकता है.
DRDO ने ‘DIPCOVAN’ को दिल्ली स्थित वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है. यह किट पूरी तरह स्वदेशी है और इसे यहीं के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है.
भारत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ‘DIPCOVAN’ के उपयोग की मंजूरी हाल ही में प्रदान की है. इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अप्रैल 2021 में इस किट को मान्यता दी थी. अब इस किट की खुले बाजार में बिक्री की जा सकती है. इस किट की कीमत प्रति टेस्ट 75 रुपये के करीब होगी.
DIPCOVAN किट के जरिए किसी व्यक्ति की कोरोना से लड़ने की क्षमता और उसकी पिछली हिस्ट्री (इंसान के शरीर में जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा) के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ‘कोवीसेल्फ’ नाम की होम टेस्टिंग किट को भी मंजूरी दी है, जो एक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट है. इस किट की मदद से लोग घर बैठे खुद ही अपना कोरोना टेस्ट कर सकेंगे.
DRDO की एंटी-कोविड दवा 2-DG
DRDO ने इससे पहले ‘2-DG’ नाम से covid-19 की दवा विकसित की थी. इस दावा का पूरा नाम 2-Deoxy-D-glucose है. इसे डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सहयोग से विकसित किया गया है. यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाती है और वायरल को बढने से रोकती है. DGCI ने कोविड-19 के गंभीर रोगियों के लिए इस दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है.
नरिंदर बत्रा को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ का पुनः अध्यक्ष चुना गया
भारत के नरिंदर बत्रा को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) का अध्यक्ष चुना गया है. हॉकी की वैश्विक संस्था FIH की 47वीं कांग्रेस के दौरान बत्रा को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया. बत्रा ने अपने प्रतिद्वंद्वी बेल्जियम हॉकी महासंघ के प्रमुख मार्क कोड्रोन को हराया. वह 2024 तक FIH अध्यक्ष रहेंगे.
नरिंदर बत्रा वर्तमान में भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) के सदस्य भी हैं. वे अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ के 92 साल पुराने इतिहास में शीर्ष पद हासिल करने वाले एकमात्र एशियाई हैं.
अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 के तारीखों की घोषणा, भारत में आयोजित किया जायेगा
फुटबॉल के लिए विश्व नियामक संस्था फीफा ने अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 के तारीखों की घोषणा कर दी है. नई तारीखों के मुताबिक इसका आयोजन भारत में 11 से 30 अक्टूबर, 2022 के दौरान किया जायेगा. इससे पहले इस प्रतियोगिता का आयोजन भारत में 2020 में किया जाना था, परन्तु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.
भारत में होने वाला आयोजन फीफा ने अंडर-17 महिला विश्व कप का 7वां संस्करण होगा. यह भारत में होने वाला दूसरा फीफा टूर्नामेंट होगा. इससे पहले 2017 में अंडर-17 पुरुष विश्व कप का आयोजन किया गया था.
चिपको आन्दोलन के नेता सुंदर लाल बहुगुणा का निधन
चिपको आन्दोलन के नेता और पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का 21 मई को निधन हो गया. वे 94 वर्ष के थे. उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में वनों के संरक्षण के लिए कार्य किया था. पर्यावरण और पृथ्वी की रक्षा के लिए दिया गया उनका संदेश विश्व के अनेक देशों ने सराहा और सम्मानित किया गया था. श्री बहुगुणा ने 1980 के दशक में हिमालय में बड़े बांधों के निर्माण के खिलाफ नेतृत्व किया था. वह टिहरी बांध के निर्माण का घोर विरोध कर रहे थे.
चिपको आन्दोलन
सुंदर लाल बहुगुणा को मुख्य रूप से चिपको आन्दोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है. चिपको आन्दोलन भारत में वनों के संरक्षण के लिए शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत 1973 उत्तराखंड में हुई थी. उन्होंने चिपको का नारा भी गढ़ा: ‘पारिस्थितिकी स्थायी अर्थव्यवस्था है (ecology is the permanent economy)’. इस आन्दोलन के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा को 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ मनाया गया
प्रत्येक वर्ष 22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2021 के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय (Theme)- ‘हम समाधान का हिस्सा हैं’ (We’re part of the solution) है. पढ़ें पूरा आलेख…»
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
उत्तराखंड में कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चों के लिए वात्सल्य योजना
उत्तराखंड में कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चों के लिए वात्सल्य योजना शुरू की गयी है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की. इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकार 21 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा एवं रोजगार हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी. गौरतलब है कि राज्य के ऐसे अनाथ बच्चों को 3000 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता भी दिया जाएगा.
बंगाल की खाड़ी में ‘यास’ चक्रवात की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की खाड़ी में ‘यास’ चक्रवात (Cyclone Yaas) की भविष्यवाणी की है. यह चक्रवात ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हिस्सों को प्रभावित करेगा.
नेपाल में संसद को भंग किया गया
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडा़री ने संसद (प्रतिनिधि सभा) भंग कर दी है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा द्वारा तय समय सीमा तक नई सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने में विफल रहने के कारण संसद भंग किया गया है. राष्ट्रपति ने नवंबर में चुनाव कराने का निर्देश दिया है.
23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाया गया
23 मई को विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) के रूप में मनाया गया. कछुओं और दुनिया भर में उनके तेजी से गायब होते आवासों की रक्षा करने के उद्देश्य से यह 23 मई को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. यह दिवस वर्ष 2000 में American Tortoise Rescue द्वारा शुरू किया गया था.