डेली कर्रेंट अफेयर्स
प्रोफेसर सीएनआर राव को ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एनी अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड
भारतरत्न प्रोफेसर सीएनआर राव को अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड (International Eni Award) 2020 से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार अक्षय ऊर्जा स्रोतों और अक्षय भंडारण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार उन्हें 14 अक्टूबर, 2021 को रोम में आयोजित एक आधिकारिक समारोह में प्रदान किया जाएगा.
प्रोफेसर राव ऊर्जा के एकमात्र स्रोत के रूप में हाइड्रोजन पर काम कर रहे हैं. हाइड्रोजन का भंडारण, हाइड्रोजन का फोटोकेमिकल और इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन, हाइड्रोजन का सौर उत्पादन और गैर धातु उत्प्रेरण उनके काम के मुख्य आकर्षण हैं.
अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड
अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड को ‘एनर्जी फ्रंटियर अवार्ड’ से भी कहा जाता है. इसे ऊर्जा अनुसंधान के क्षेत्र में नोबेल माना जाता है. यह पुरस्कार धातु ऑक्साइड, कार्बन नैनोट्यूब, अन्य सामग्री और द्विआयामी प्रणालियों पर उनके काम के लिए प्रदान किया गया है.
फ्रांस के राष्ट्रपति ने रवांडा नरसंहार के लिए माफी मांगी, जानिए क्या है रवांडा नरसंहार
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 1994 में रवांडा नरसंहार में फ्रांस की भूमिका के लिए रवांडा से माफी मांगी है. इस नरसंहार में करीब आठ लाख जातीय तुतसी और उदारवादी हुतू समुदाय के लोग मारे गए थे. रवांडा की राजधानी किगाली में नरसंहार मेमोरियल पर आयोजित एक कार्यक्रम में मैक्रों ने रवांडा से माफी मांगी. उन्होंने कहा है कि फ्रांस ने नरसंहार की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और सच्चाई की जांच को लेकर लंबे समय तक मौन बना रहा.
माफी मांगने का दबाव
रवांडा नरसंहार को लेकर फ्रांसीसी जांच पैनल की हाल की एक रिपोर्ट ने तत्कालीन फ्रांसीसी सेना की भूमिका पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद से फ्रांस के ऊपर इस नरसंहार को लेकर माफी मांगने का दबाव बढ़ने लगा था.
रवांडा नरसंहार क्या है?
रवांडा में अप्रैल 1994 से जून 1994 के बीच के करीब 100 दिनों के अंदर करीब 8 लाख लोगों को मार डाला गया था. इस नरसंहार का निशाना बना था रवांडा के अल्पसंख्यक तुतसी और उदारवादी हुतू समुदाय के लोग.
नरसंहार की पृष्ठभूमि
- रवांडा की कुल आबादी में हूतू समुदाय का हिस्सा 85 प्रतिशत है लेकिन देश पर लंबे समय से तुत्सी अल्पसंख्यकों का दबदबा रहा था.
- कम संख्या में होने के बावजूद तुत्सी राजवंश ने लंबे समय तक रवांडा पर शासन किया था. साल 1959 में हूतू विद्रोहियों ने तुत्सी राजतंत्र को खत्म कर देश में तख्तापलट किया. जिसके बाद हूतू समुदाय के अत्याचारों से बचने के लिए तुत्सी लोग भागकर युगांडा चले गए.
- अपने देश पर फिर से कब्जा करने को लेकर तुत्सी लोगों ने रवांडा पैट्रिएक फ्रंट (RPF) नाम के एक विद्रोही संगठन की स्थापना की जिसने 1990 में रवांडा में वापसी कर कत्लेआम शुरू कर दिया.
- 6 अप्रैल 1994 को तत्कालीन राष्ट्रपति जुवेनल हाबयारिमाना और बुरुंडी के राष्ट्रपति केपरियल नतारयामिरा को ले जा रहा विमान किगाली में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई. दोनों ही समुदायों ने इस हादसे के लिए एक दूसरे पर आरोप लगते हुए हिंसा शुरू कर दिया.
रवांडा नरसंहार में फ्रांस की भूमिका
दरअसल, रवांडा लंबे समय तक फ्रांस का उपनिवेश रहा है. उस समय भी हुतू सरकार को फ्रांस का समर्थन प्राप्त था. राष्ट्रपति की मौत के बाद हुतू सरकार के आदेश पर सेना ने अपने समुदाय के साथ मिलकर तुत्सी समुदाय के लोगों को मारना शुरू किया.
युगांडा ने ख़त्म कराया नरसंहार
1994 में इस नरसंहार को देखते हुए पड़ोसी देश युगांडा ने अपनी सेना को रवांडा में भेजा. जिसके बाद उसके सैनिकों ने राजधानी किगाली पर कब्जा कर इस नरसंहार को खत्म किया.
बशर-अल-असद ने चौथी बार सीरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता
सीरिया के मौजूदा राष्ट्रपति बशर-अल-असद ने चौथी बार सीरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. वह चुनाव जीतने के बाद अगले कार्यकाल (सात साल तक) के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बने रहेंगे.
असद वर्ष 2000 से राष्ट्रपति पद पर हैं. वे अपने पिता हफीज के स्थान पर राष्ट्रपति बने थे जिन्होंने एक चौथाई से अधिक सदी तक शासन किया था.
पश्चिम देशों ने सीरिया के चुनाव को अस्वीकार कर दिया है और कहा कि यह न तो स्वतंत्र तरीके से हुआ है और न ही निष्पक्ष है. बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह सीरिया में चुनाव के परिणाम को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक कि संयुक्त राष्ट्र और सीरियाई समाज के सभी प्रतिनिधियों की निगरानी में निष्पक्ष मतदान नहीं होता.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद इस्राइल-हमस हिंसा की जांच करेगी
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद इस्राइल और हमस के बीच हाल में हुए संघर्ष के दौरान हुई हिंसा की जांच करेगी. इस्लामी देशों के समूह ने संघर्ष के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए परिषद को एक प्रस्ताव दिया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है.
इस प्रस्ताव के पक्ष में 24 और विरोध में 9 वोट पड़े. अनेक पश्चिमी देशों समेत 9 सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि 14 सदस्य देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. अमरीका ने कहा है कि परिषद का यह निर्णय क्षेत्र में शांति लाने के प्रयासों के लिए खतरा पैदा करेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपना वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मई को अपना वार्षिक रिपोर्ट (RBI Annual Report) प्रस्तुत किया. रिपोर्ट में कोविड संक्रमण का अर्थव्यवस्था पर असर और बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता पर जोर दिया गया है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- बीते वित्त वर्ष में बैंकों के साथ धोखाधड़ी में गिरावट आई और उनकी संपत्ति की गुणवत्ता में इजाफा हुआ है. भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती बनी हुई है और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए बैंकों में पर्याप्त पूंजी है.
- बीते वित्त वर्ष के दौरान विकास दर में 8 फीसदी गिरावट का अनुमान है, लेकिन पूंजी प्रवाह और विदेशी निवेशकों के बूते शेयर बाजार रिकॉर्ड बनाता जा रहा है.
- रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 31 मार्च 2021 तक 7 फीसदी बढ़कर 57.08 लाख करोड़ रुपये हो गई है. एक साल पहले यह 53.55 लाख करोड़ थी. पिछले 9 महीनों यानी जून से मार्च तक में ही बैलेंस शीट 7 फीसदी बढ़ी है.वृद्धि का कारण विदेशी और घरेलू निवेश रहा है. विदेशी निवेश में 11.48 फीसदी और घरेलू निवेश में 13.75 फीसदी इजाफा हुआ है.
- अन्य देनदारियों में भी 43.05 फीसदी की बढ़त देखी गई है. घरेलू संपत्तियों में 26.42 फीसदी बढ़त रही. सबसे ज्यादा उछाल विदेशी मुद्रा में आया, जो कुल संपत्ति का 73.58 फीसदी पहुंच गया.
- कोरोना की दूसरी लहर के कारन 2021-22 के लिए पूर्व में लगाए 10.5 फीसदी के विकास दर अनुमान को प्राप्त करना अब मुश्किल हो सकता है.
- आरबीआई ने कहा, महामारी के दौरान नोटों का चलन मूल्य के हिसाब से 16.8 फीसदी बढ़ा, जबकि नोटों की संख्या में 7.2 फीसदी की वृद्धि हुई है. कुल चलन में 500 और 2000 के नोटों की हिस्सेदारी 85.7 फीसदी पहुंच गई, जो एक वित्त वर्ष पहले 83.4 फीसदी थी.
स्पेन ने भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को शीर्ष पुरस्कार से सम्मानित किया
स्पेन ने भारतीय अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को “प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड” (Princess of Asturias Award) से सम्मानित किया है. उन्हें सामाजिक विज्ञान श्रेणी में सम्मानित किया गया है. इस पुरस्कार में 50,000 यूरो का नकद पुरस्कार, सहित जोआन मिरो की प्रतिमा प्रदान किया जाता है.
अकाल, मानव विकास का सिद्धांत, गरीबी असमानता आदि पर उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है. सामाजिक विज्ञान श्रेणी में यह स्पेन का सर्वोच्च पुरस्कार है.
अमर्त्य सेन को 1998 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया था. भारत सरकार ने 1999 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
विश्व जूनियर भारोत्तोलन चैंपियनशिप
IWF विश्व जूनियर भारोत्तोलन चैंपियनशिप (IWF Junior World Championships) 2021 प्रतियोगिता 23 से तक 31 तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में खेला जा रहा है. इस चैंपियनशिप में पुरुषों के 73 किलोग्राम वर्ग में भारतीय भारोत्तोलक अचिंत शेवली ने रजत पदक जीता है. अचिंत शेवली के पदक के साथ ही जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में भारतीय अभियान संपन्न हो गया.
प्रसिद्ध लेखक और चित्रकार एरिक कार्ले का निधन
प्रसिद्ध लेखक और चित्रकार एरिक कार्ले (Eric Carle) का 27 मई को 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह अमेरिकी डिजाइनर, चित्रकार और बच्चों के लेखक थे. वह बच्चों के बीच काफी प्रसिद्ध थे. ‘द वेरी हंग्री कैटरपिलर’ के लेखक के रूप में उन्हें बहुत ख्याति प्राप्त हुई थी.