भारत-ब्रिटेन वर्चुअल शिखर बैठक, 2030 के लिए रूपरेखा जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच 4 मई को वर्चुअल शिखर बैठक आयोजित की गयी थी. इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया. बैठक के दौरान आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों तथा द्विपक्षीय सम्बंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई.
2030 के लिए रूपरेखा जारी
बैठक का पहला महत्वपूर्ण निष्कर्ष 2030 के लिए रूपरेखा जारी होना था. दोनों नेताओं ने ‘भारत-ब्रिटेन साझेदारी’ को बढ़ाकर ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ का रूप देने के लिए 2030 की महत्वकांशी रूपरेखा स्वीकार की.
इस रूपरेखा में अनेक ठोस, भविष्योन्मुखी और परिणाम केन्द्रित गतिविधियों की व्यापक सूची बनाई गई. इसके लिए पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है. ये पांच क्षेत्र हैं- व्यक्ति से व्यक्ति के बीच संबंध बढ़ाना, व्यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई और स्वास्थ्य.
व्यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा
शिखर बैठक की एक और बड़ी उपलब्धि व्यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा था. 2019-20 में दोनों देशों के बीच दो तरफा व्यापार 15 अरब चालीस करोड़ डॉलर का था.
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से दोनों देशों के लिए नए और शानदार अवसर उपलब्ध हुए हैं. इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए दोनों नेताओं ने अंतरिम व्यापार समझौते पर विचार करने के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत 2030 तक आपसी व्यापार दोगुने से अधिक बढ़ाना है.
शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर सहमति
दोनों नेता शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर भी सहमत हुए. इसके तहत ब्रिटेन भारतीय उद्यमियों के लिए अपने मत्स्य क्षेत्र को खोलेगा, नर्सों को अधिक अवसर उपलब्ध कराएगा, भारतीय नौवहन चालकों के प्रमाण-पत्रों को मान्यता देगा और सामाजिक सुरक्षा समझौते पर संयुक्त संवाद करेगा.
इसके बदले भारत ने फलों, चिकित्सा उपकरणों और स्नातकोत्तर डिग्री की परस्पर मान्यता के बारे में ब्रिटेन के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है. भारत विधिक सेवाओं को खोलने की दिशा में भी काम करेगा.
भारत-ब्रिटेन वैश्विक नवाचार साझेदारी
वर्चुअल बैठक में नई भारत-ब्रिटेन वैश्विक नवाचार साझेदारी आरंभ करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. प्रवासन और मोबीलिटी के क्षेत्र में साझेदारी के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए.