31वां नाटो शिखर सम्मेलन 2021 का आयोजन ब्रुसेल्स में किया गया

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों का 31वां शिखर सम्मेलन 14 जून 2021 को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में किया गया था. इस सम्मलेन में सदस्य देशों के सभी शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया.

सम्मेलन में नाटो सदस्य देश के नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. चर्चा के मुख्य विषयों में भू-रणनीतिक वातावरण, उभरती प्रौद्योगिकियों, सामूहिक रक्षा, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा के मुद्दे में नाटो की भूमिका शामिल थे. भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी नेता एक व्यापक पहल “नाटो 2030” एजेंडा पर सहमत हुए.

अंतरिक्ष में हमले होने पर सामूहिक कार्रवाई के लिए समझौते का विस्‍तार किया

इस सम्मेलन में नाटो सदस्य देशों ने अंतरिक्ष में हमले होने पर सामूहिक कारवाई के लिए परस्पर रक्षा के अपने समझौते का विस्तार किया है. नाटो की स्थापना संधि के अनुच्छेद 5 में कहा गया है कि 30 सहयोगी देशों में से किसी पर हमला सभी देशों पर आक्रमण माना जाएगा. अभी तक यह केवल भूमि, समुद्र या हवा में पारंपरिक सैन्य हमलों और हाल में शामिल किए गए साइबर स्पेस पर लागू होता था.

चीन को सुरक्षा के लिए स्थायी खतरा घोषित किया

नाटो सदस्य देशों ने चीन को सुरक्षा के लिए स्थायी खतरा घोषित किया. नाटो के नेताओं ने कहा है कि चीन अपने लक्ष्यों और हठी व्‍यवहार से नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और नाटो देशों की सुरक्षा के लिए चुनौती पेश कर रहा है. इन नेताओं ने चीन से कहा कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करें और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में जिम्मेदारी से काम करे.

नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने आगाह किया कि चीन सैन्य और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में नाटो देशों के करीब पहुंच रहा है. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नाटो के देश चीन के साथ नया शीत युद्ध नहीं चाहते हैं.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं. सबसे हालिया सदस्य उत्तर मैसेडोनिया है जिसे 2020 में संगठन में जोड़ा गया था.

नाटो के अन्य सदस्य देश- ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, अल्बानिया और क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और उत्तर मैसेडोनिया.