गहरा सागर मिशन के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गयी

सरकार ने गहरा सागर मिशन (Deep Ocean Mission) के एक प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है. यह प्रस्‍ताव को पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा लाया गया था. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में 16 जून को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दी. इस मिशन के तहत गहरे सागर का सर्वेक्षण और खोज की जाएगी, जिससे जैव-विविधता और खनिजों के अध्‍ययन में मदद मिलेगी.

गहरे सागर मिशन पर चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत आने का अनुमान है और यह पांच वर्ष में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.

गहरा सागर मिशन के मुख्य बिंदु

  • इस निर्णय से संसाधनों के लिए गहरे सागर के अन्‍वेषण और समुद्री संसाधनों के उपयोग के लिए गहरे-सागर से संबंधित प्रौद्योगिकी विकसित करके नीली अर्थव्‍यवस्‍था को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • गहरा सागर मिशन भविष्‍य में क्रांतिकारी सिद्ध होगा. भारत की तटीय सीमा 7517 किलोमीटर लम्‍बी है. देश की करीब तीस प्रतिशत जनसंख्‍या तटीय क्षेत्रों में रहती है.
  • समुद्र मत्‍स्‍य पालन और एक्‍वाकल्‍चर, पर्यटन, आजीविका और समुद्री संसाधनों के कारोबार को समर्थन देने वाला प्रमुख आर्थिक कारक है.
  • इस मिशन के तहत समुद्र में छह हजार मीटर की गहराई तक तीन लोगों को ले जाने के लिए सबमर्सिबल विकसित की जाएगी. महासागर से ऊर्जा और पेय जल उत्पादन पर काम किया जायेगा.
  • इस मिशन के तहत अपतटीय समुद्री थर्मल ऊर्जा रूपांतरण सम्‍बंधी डिसेलिनेशन प्‍लांट के लिए अध्‍ययन और विस्‍तृत इं‍जीनियरिंग डिजाइन की भी परिकल्‍पना की गई है.