इथेनॉल उत्पादन के लिए पुणे में E100 पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

भारत ने इथेनॉल (Ethanol) क्षेत्र के विकास के लिए पुणे में E100 पायलट प्रोजेक्ट (E100 pilot project) शुरू किया है. यह प्रोजेक्ट इथेनॉल के उत्पादन और वितरण से संबंधित है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर की.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले वर्षों में भारत इथेनॉल आधारित कई प्रोजेक्ट शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि 2020 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 21,000 करोड़ रुपये का इथेनॉल खरीदा है.
  • भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण को पूरा करने का संकल्प लिया है. आज करीब 8.5 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित किया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि एथेनॉल भारत की 21वीं सदी की प्राथमिकताओं से जुड़ गया है. यह पर्यावरण के साथ-साथ किसानों के जीवन की भी मदद कर रहा है. इससे देश के गन्ना किसानों को बड़ा लाभ हुआ है.
  • भारत समग्र दृष्टिकोण के साथ अपने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम पर काम कर रहा है. स्वच्छ ऊर्जा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी – दोनों एक साथ आगे बढ़ सकते हैं. भारत ने इस रास्ते को चुना है.
  • पिछले कुछ वर्षों में, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ हमारे वन क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है. हाल ही में देश में बाघों की आबादी दोगुनी हो गई है.

इथेनॉल इंधन क्या होता है?

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में इंधन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इथेनॉल में 35 फीसदी फीसद ऑक्सीजन होता है. इथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है.

इंधन के रूप में इथेनॉल उपयोग के फायदे

इथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. यह सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है.

इथेनॉल इको-फ्रैंडली इंधन है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है.

इंधन के रूप में इथेनॉल का विश्व में उपयोग

ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत गाड़ियां 100 फीसदी इथेनॉल से चलती हैं, यही नहीं बाकी गाड़ियां भी 24 फीसदी इथेनॉल मिला ईंधन उपयोग कर रही हैं. ब्राजील जैसे देश के लिए यह करना आसान इसलिए हुआ क्योंकि उनके पास भारत से तीन गुना जमीन और आबादी उत्तर प्रदेश जितनी है.

स्वीडन और कनाडा में भी इथेनॉल पर गाड़ियां चल रही है. कनाडा में तो इथेनॉल के इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है.