5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण थीम के साथ मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. दुनियाभर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है ताकि प्रकृति और पृथ्वी की रक्षा के लिए रचात्मक कदम उठाए जा सकें.

उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 5 जून को ही अवैध, गैरकानूनी और अनियमित मत्स्य पालन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Fight Against IUU Fishing) भी मनाया जाता है.

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम

हर साल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय UNEP द्वारा घोषित विशेष थीम पर फोकस करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाता है. पिछले वर्षों के थीम में जैव विविधता, वायु प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण जैसे विषयों पर चर्चा शामिल है.

इस साल यानी 2021 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण’ (Ecosystem Restoration) है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 पर, संयुक्त राष्ट्र पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर अपना संयुक्त राष्ट्र दशक भी शुरू करेगा.

विश्व पर्यावरण दिवस 2021 का मेजवान देश

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी विश्व का एक अलग देश करता है, जहां औपचारिक समारोह आयोजित होते हैं. भारत ने पहली बार वर्ष 2018 के विश्व पर्यावरण दिवस समारोह की मेजवानी की थी.

इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान पाकिस्तान है. इससे पहले, 2020 में इसकी मेजबानी कोलंबिया ने की थी.

विश्व पर्यावरण दिवस: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • पर्यावरण की समस्या पर पहला सम्मेलन साल 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया था. साल 1972 से हर साल यह दिवस 5 जून को मनाया जाता है.
  • ग्लोबल वार्मिग, पिघलते ग्लेशियर, धरती का बढ़ता तापमान और वायु प्रदूषण के कारण बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण औऱ वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय पर जोर दिया जा रहा है.

‘नगर वन’ कार्यक्रम की शुरुआत

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ‘नगर वन’ कार्यक्रम की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की 8% जैव विविधता का संरक्षण करने में सक्षम है.

नगर वन कार्यक्रम का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में पूरे भारत में 200 शहरी वन विकसित करना है, जिसमें लोगों की भागीदारी और वन विभाग, नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों, निगमों और स्थानीय नागरिकों के बीच समन्वय स्थापित करना शामिल है.