Covid-19 रोधी स्वदेश विकसित वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ (ZyCoV-D) के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी गयी. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसकी अनुमति 22 अगस्त को दी. इस वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाया जा सकेगा.
‘जायकोव-डी’: मुख्य बिंदु
‘जायकोव-डी’, कोवैक्सीन (covaxin) के बाद देश में दूसरी स्वदेश विकसित वैक्सीन है जिसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. इसका विकास भारतीय कंपनी ‘जायडस कैडिला’ (Zydus Cadila) ने किया है. ‘जायकोव-डी’ दुनिया की पहली DNA आधारित कोरोना रोधी वैक्सीन है जिसका विकास भारत के वैज्ञानिकों ने किया है.
‘जायकोव-डी’ शरीर में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है और एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है. इस प्रकार, यह रोग और वायरल निकासी से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
पहले और दूसरे ट्रायल के आधार पर जायकोव-डी 66 प्रतिशत तक असरदार है. यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 66 प्रतिशत तक प्रभावी है. इस वैक्सीन को 25 डिग्री सेल्सियस पर तीन महीने के लिए रखा जा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-23 18:24:582021-08-23 18:24:58Covid-19 रोधी स्वदेश विकसित वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ के इस्तेमाल की अनुमति