रक्षा मंत्रालय ने 118 अर्जुन Mk-1A मुख्य युद्धक टैंक को खरीदने की मंजूरी दी

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने  अर्जुन Mk-1A मुख्य युद्धक टैंक के 118 यूनिट को खरीदने की मंजूरी दी. 7,523 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण चेन्नई स्थित हैवी व्हीकल फैक्ट्री (Heavy Vehicles Factory) में किया जाएगा.

अर्जुन टैंक पूरी तरह से भारत में निर्मित है. इस टैंक को DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (CVRDE) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.

अर्जुन Mk-1A

  • यह टैंक अर्जुन Mk -1 का ही एक अपग्रेडेड वर्जन है. यह दिन और रात की परिस्थितियों में काम कर सकता है और स्थिर और गतिशील दोनों तरीकों से लक्ष्य पर निशाना साध सकता है.
  • इस टैंक में अत्याधुनिक ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया गया है. जिससे टैंक के अंदर बैठा गनर सीधे कंट्रोल सेंटर से जुड़ सकता है. इसमें स्वदेशी 120 MM कैलिबर की गन भी लगी हुई है.
  • इस टैंक के बाहरी हिस्से में रिएक्टिव ऑर्मर लगे हुए हैं. जो दुश्मन के किसी भी मिसाइल या रॉकेट के प्रभाव को अपने ऊपर झेलकर कम कर सकते हैं.
  • इस टैंक में रसायनिक हमलों से बचने के लिए भी कई सेंसर लगाए गए हैं. जिससे अंदर बैठे क्रू मेंबर बाहरी हमले से सुरक्षित रह सकते हैं.