गृह मंत्रालय ने कई राज्यों में BSF के अधिकार क्षेत्र क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कई राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया है. इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न अपराधों पर लगाम लगाने के लिए BSF का क्षेत्राधिकार 50 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है.

मुख्य बिंदु

  • केंद्र सरकार ने BSF कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.
  • पाकिस्तान की सीमा से लगे गुजरात के क्षेत्रों में यह दायरा 80 किलोमीटर से घटा कर 50 किलोमीटर कर दिया है. राजस्थान में 50 किलोमीटर तक की क्षेत्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
  • पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सीमा निर्धारित नहीं है.

BSF के अधिकार

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के ‘शेड्यूल’ को संशोधित किया है, जहां BSF के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी. BSF को CRPC, Passport Act and Passport (Entry to India) Act के तहत ये करवाई करने का अधिकार मिला है.
  • BSF के क्षेत्राधिकार को 50 किमी तक बढ़ा देने से BSF का अधिकार क्षेत्र कई राज्यों में काफी अंदरुनी इलाके तक पहुंच जाएगा. इससे एक समस्या यह होगी कि BSF जब भी अंदरुनी क्षेत्र में कार्रवाई करेगी, तो उसका और स्थानीय पुलिस का अधिकार क्षेत्र टकराएगा और दोनों के बीच विवाद की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
  • हालांकि, इसके उलट एक तर्क यह भी है कि पहले जहां BSF को अपने दायरे के बाहर पहुंच चुके अपराधी को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब उन्हें किसी खुफिया जानकारी के आधार पर संदिग्ध को पकड़ने में खास दिक्कत नहीं आएगी. इससे कार्रवाई में समय की खासा बचत होगी.