पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया

बिजली के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तपोषण प्रदान करने वाली कंपनी ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को सरकार की ओर से ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया है. उसे यह सम्मान पिछले तीन साल में शानदार वित्तीय प्रदर्शन व परिचालन कुशलता के लिए दिया गया है.

मुख्य बिंदु

महारत्न का दर्जा सरकारी स्वामित्व वाली उस इकाई को दिया जाता है जिसने लगातार तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ या इस अवधि में 25,000 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक कारोबार दर्ज किया हो.

‘महारत्न’ का सम्मान मिलने से PFC बोर्ड की वित्तीय फैसले लेने की क्षमता बढ़ेगी. ‘महारत्न’ कंपनी का निदेशक मंडल वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण अनुषंगी इकाईयों को लेकर इक्विटी निवेश पर फैसला कर सकता है. भारत एवं विदेश में विलय और अधिग्रहण कर सकता है. हालांकि, यह संबंधित CPSE के कुल मूल्य के 15 फीसदी तक और एक परियोजना के लिए 5000 करोड़ रुपये तक सीमित होगा.

महारत्न का सम्मान मिलने के बाद PFC सरकार के एजेण्डा के तहत 2030 तक 40 फीसदी हरित ऊर्जा की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता में योगदान देगा.

‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ (PFC)

पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) एक भारतीय वित्तीय संस्थान है. इसकी स्थापना 1986 में हुई थी. यह भारत में विद्युत क्षेत्र की वित्तीय़ इंफ्रास्ट्रक्चर है. यह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में काम करती है. PFC महारत्न श्रेणी में प्रवेश करने वाली भारत की 11वीं सरकारी स्वामित्व वाली इकाई बन गई है.

भारत की महारत्न कंपनियां

  1. भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL)
  2. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
  3. भारतीय तेल निगम (IOC)
  4. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC)
  5. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
  6. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
  7. भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL)
  8. हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
  9. भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BCL)
  10. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL)
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