INS विशाखापट्टनम को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
भारती नौसेना में 21 नवंबर को INS विशाखापट्टनम को शामिल कर लिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में मुंबई डॉकयार्ड में इस जंगी जहाज (वारशिप) को नौसेना में शामिल किया गया.
INS विशाखापट्टनम: एक दृष्टि
INS विशाखापट्टनम एक जंगी जहाज है जिसको आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों से बनाया गया है. इसे भारतीय सेना के प्रॉजेक्ट 15B के तहत बनाया गया है. 2015 में पहली बार इसे पानी में उतारा गया था. 164 मीटर लंबाई वाले वारशिप का सभी उपकरणों और हथियारों की तैनाती के बाद वजन 7,400 टन हो गया है. यह एक दिन में 500 नॉटिकल मील से ज्यादा की दूरी तय करने में सक्षम है.
INS विशाखापत्तनम डिस्ट्रॉयर उन चार स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर्स में से एक हैं जो मझगांव डॉक्स पर बनाए जा रहे हैं. जनवरी 2011 में इनका कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. तीन और डिस्ट्रॉयर्स- मुरगांव, इम्फाल और सूरत अगले कुछ सालों में नौसेना में सौंपे जायेंगे. इन चारों डिस्ट्रॉयर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और इजरायली बराक मिसाइलें लगी होंगी. चारों को तैयार करने में 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आने वाली है.