देश का पहला विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ भारतीय नौसेना को सौंपा गया

देश में नौसेना के लिए युद्धपोत बनाने की परियोजना P15B का पहला विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ (Y12704) को 31 अक्तूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया. इसके शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की सामरिक और रणनीतिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी.

विशाखापट्टनम युद्धपोत: मुख्य बिंदु

  • ‘विशाखापट्टनम’ भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक युद्धपोत है. इसे ‘नौसेना डिजाइन निदेशालय’ ने डिजाइन किया है और निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है. इसका निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर-249ए से किया गया है. इसकी लंबाई 164 मीटर है और भार क्षमता 7,500 टन है.
  • इस युद्धपोत को सुपरसोनिक ब्रह्मोस और बराक समेत सभी प्रमुख मिसाइलों और हथियारों से लैस किया गया है. यह पूर्ण रूप से दुश्मन की पनडुब्बियों, युद्धपोतों, एंटी सबमरीन मिसाइलों और युद्धक विमानों का मुकाबला बिना किसी सहायक युद्धपोत के करने में सक्षम है.
  • इसमें समुद्र के नीचे युद्ध करने में सक्षम डिस्ट्रायर, पनडुब्बी रोधी हथियार और सेंसर लगाए गए हैं. साथ ही इसमें हाल माउंटेड सोनार, हमसा एनजी, हेवी वेट टारपीडो ट्यूब लांचर्स, राकेट लांचर्स आदि भी शामिल हैं. यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रहने में सक्षम है.
  • ‘नौसैनिक युद्धपोत निर्माण परियोजना’ के तहत देश के चार कोनों के प्रमुख शहरों विशाखापट्टनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत के नाम पर चार युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है.