पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का तथ्य-पत्र जारी किया किया गया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के (NFHS-5) में भारत से संबंधित प्रमुख संकेतकों का तथ्य-पत्र 24 नवम्बर को नई दिल्ली में जारी किया. इस तथ्य-पत्र में देश की जनसंख्या, पुनर्प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण जैसे अन्य प्रमुख संकेतक शामिल हैं.

यह पत्र 2019-2021 के सर्वेक्षण से संबंधित है, जो 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए है. सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा अन्य उभरते मुद्दों से संबंधित विश्वसनीय और तुलनात्मक डेटा प्रदान करना है.

तथ्य-पत्र के मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रजनन दर 2.2 से कम होकर 2 हो गई है.
  • पूर्ण टीकाकरण अभियान के अलावा 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के मामले में काफी सुधार हुआ है, जो कि अखिल भारतीय स्तर पर 62 प्रतिशत से बढ़ कर 75 प्रतिशत हो गया.
  • रिपोर्ट के अनुसार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 में 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के 75 प्रतिशत बच्चे हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण कर लिया गया है. ओडिसा में पूर्ण टीकाकरण वाले सबसे अधिक 90 प्रतिशत बच्चे हैं.
  • अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं. आजादी के बाद ये भी पहली बार है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी 1 हजार से ऊपर पहुंची है. इससे पहले 2015-16 में हुए NFHS-4 में ये आंकड़ा हर 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था.
  • सर्वे में कहा गया है कि बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात अभी भी 929 है यानी अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जी रही हैं.
  • सर्वे के अनुसार एक महिला के अब औसतन 2 बच्चे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों से भी कम है.