प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून निरस्त करने, MSP पर समिति बनाने की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद द्वारा सितम्बर 2020 में पारित लाये तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की. इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा. इन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़े मुद्दों पर एक समिति बनाने की भी घोषणा की.

प्रधानमंत्री ने 19 नवम्बर को गुरु नानक जयंती के अवसर पर इस आशय की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को हर संभव प्रयासों के बावजूद समझाने में असफल रही. उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था.

MSP को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समिति का गठन

प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति के गठन किये जाने की भी घोषणा की. इस समिति में केंद्र, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री होंगे.

क्या है तीन कृषि कानून

संसद ने किसानों के सशक्तीकरण के लिए सितम्बर 2020 में तीन कृषि विधेयक पारित कर अधिनियम का रूप दिया था. ये अधिनियम – कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020; किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 हैं.

इन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कृषि उपज और खेती के क्षेत्र में स्‍टॉक सीमा और लाइसेंस राज को समाप्त करना था. इसमें किसानों को अनुबंध खेती का विकल्प दिया गया था. किसानों को मौजूदा विकल्प के अतिरिक्त अन्य कई विकल्प दिए गये थे जिससे उनके उपज का बेहतर दाम मिल सके.

कानून वापसी की प्रक्रिया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 245 के अनुसार संसद भारत के संपूर्ण राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए और किसी राज्य का विधानमंडल उस राज्य या उसके किसी भाग के लिए कानून बना सकता है.

संसद को कानून बनाने के साथ-साथ कानून वापस लेने का भी अधिकार है. कानून खत्म करने की प्रक्रिया भी कानून बनाने के समान ही है. सरकार एक विधेयक में ही तीनों कानूनों की वापसी का जिक्र करके काम खत्म कर सकती है. इस विधेयक के पारित होने के बाद नया कानून अस्तित्व में आ जाएगा जिसके तहत तीनों कृषि कानून खत्म माने जाएंगे.