रूस ने भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू की

रूस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) की आपूर्ति शुरू कर दी है. इस सिस्टम की पहली यूनिट को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है. भारत से पहले चीन ने भी रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम को खरीदा था.

क्या है वायु रक्षा प्रणाली?

वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) का काम देश में होने वाले किसी भी संभावित हवाई हमले का पता लगाना और उसे रोकना है. यह तमाम तरह के रेडार और उपग्रहों की मदद से जानकारी जुटाता है. इस जानकारी के आधार पर यह बता सकता है कि लड़ाकू विमान कहां से हमला कर सकते हैं. यह एंटी-मिसाइल दागकर दुश्मन विमानों और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर सकता है.

क्या है S-400 डिफेंस सिस्टम?

S-400 को रूस का सबसे उन्नत लंबी दूरी का सतह से हवा (अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर) में मारक क्षमता का मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है. यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है. इस मिसाइल सिस्टम को रूस की सरकारी कंपनी अल्माज-आंते (Almaz-Antey) ने तैयार किया है.

S-400 के रडार 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं. 600 किमी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है. इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में किसी भी टारगेट को भेद सकती हैं. इससे ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है. एक ही समय में यह 400 किमी तक 36 टारगेट को एक साथ मार सकती है.