बीटिंग द रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन

29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat)  के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन हो गया. इस खास मौके पर तीनों सेनाएं विशेष धुनें बजाकर राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में वापस जाने के की अनुमति मांगती हैं. पारंपरिक धुनों के साथ मार्चपास्ट करती सेनाएं गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की घोषणा भी करती हैं.

सैनिक मार्च करते हुए वापस जाते समय, लोकप्रिय धुन, सारे जहाँ से अच्छा बजाते हैं. शाम 6 बजे बिगुलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं. राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता है तथा राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता है.

बीटिंग द रीट्रीट परंपरा

बीटिंग द रीट्रीट एक परंपरा है. युद्धकाल में संध्या हो जाने पर बिगुल बजने के बाद सेनाएं अपने-अपने शिविरों में वापस चली जाती थीं. बीटिंग द रीट्रीट इसी परंपरा का हिस्सा है. भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग द रीट्रीट कार्यक्रम के बाद होता है.