अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण को स्‍वीकृति

मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने 6 जनवरी को अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे (इंट्रास्‍टेट ट्रांसमिशन सिस्‍टम ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर) के दूसरे चरण (फेस-2) को स्‍वीकृति दी.

  • दूसरे चरण पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपया खर्च होगा. इसके माध्‍यम से 10750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. लगभग 20 गीगावॉट रेन्‍युअल उर्जा का उत्पादन किया जाएगा. दूसरे फेस में सात राज्‍य- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, उत्‍तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्‍थान शामिल हैं.
  • हरित ऊर्जा गलियारा का पहला चरण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में लागू किया जा रहा है. इसका लक्ष्य 24 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करना है. पहले चरण में 10142 करोड़ रुपये की कुल लागत थी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस फैसले से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 450 गीगावॉट का लक्ष्य हासिल करने के भारत के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. इससे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा मिलेगा.