बिम्‍सटेक का 5वां शिखर सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर मान्यता मिली

बिम्‍सटेक का पांचवां शिखर सम्‍मेलन (5th BIMSTEC Summit) 30 मार्च 2022 को वर्चुअल माध्‍यम से आयोजित किया गया था. इसकी मेजबानी बिम्‍सटेक का मौजूदा अध्यक्ष श्रीलंका ने की थी. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस सम्‍मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

5वें बिम्‍सटेक सम्मलेन का थीम “Towards a Resilient Region, Prosperous Economies, Healthy People” था.

बिम्‍सटेक का पांचवां शिखर सम्मेलन: एक दृष्टि

  • पांचवें बिम्‍सटेक शिखर सम्मेलन में संपूर्ण सहयोग का विस्तार करने के लिए एक चार्टर पर हस्ताक्षर किया गया. इस चार्टर पर हस्ताक्षर होने से बिम्सटेक को एक प्रतीक, ध्वज औपचारिक रूप से सूचीबद्ध सिद्धांतों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर मान्यता मिली.
  • बिम्सटेक नेताओं ने 3 अलग-अलग बिम्सटेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए. जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, वे हैं: राजनयिक प्रशिक्षण के लिए आपसी सहयोग, आपराधिक मामलों से संबंधित पारस्परिक कानूनी सहायता और बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की स्थापना पर एक समझौता ज्ञापन.
  • बिम्सटेक सहयोग गतिविधियां सात स्तंभों पर आधारित होंगी. हर स्तंभ का नेतृत्व एक सदस्य देश करेगा, जो उस क्षेत्र में सहयोग के लिए जिम्मेदार होगा. इसके तहत फैसला लिया गया है कि सुरक्षा के स्तंभ की अगुवाई भारत के पास रहेगी.

क्या है बिम्सटेक (BIMSTEC)?

  • बिम्सटेक, ‘Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation’ का संक्षिप्त रूप है. यह बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है. यह 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया.
  • बिम्सटेक का गठन व्यापार, ऊर्जा, पर्यटन, मत्स्य पालन, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों आपसी सहयोग के लिए किया गया था. परंतु बाद में कृषि, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, संस्कृति, जनसंपर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु-परिवर्तन जैसे क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया.
  • बिम्‍सटेक के सदस्‍य देशों में बांग्लादेश, भारत, म्‍यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं. इसका सचिवालय ढाका में है.