भारत ने नयी विमान लैंडिंग तकनीक ‘गगन’ का सफल परीक्षण किया

भारत ने एक नयी विमान लैंडिंग तकनीक  विकसित की है. इस तकनीक का नाम ‘गगन’ दिया गया है. इस तकनीक के माध्यम से खराब मौसम में भी आसानी से विमान उतारे जा सकेंगे. अमरीका- यूरोप और जापान के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसने यह तकनीक विकसित की है.

गगन तकनीक का परीक्षण 28 अप्रैल को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (AAI) ने इसरो के सहयोग से किया. परीक्षण के दौरान इंडिगो एयरलाइन के विमान ने राजस्थान के किशनगढ़ स्थित हवाईअड्डे पर गगन आधारित एलपीवी तकनीक के माध्यम से विमान लैंड कराया.

मुख्य बिंदु

  • गगन (GAGAN) का पूरा नाम जीपीएस एडेड जियो आग्मेंटेड नेविगेशन है. यह  सैटेलाइट पर आधारित लैडिंग सिस्‍टम है. इसे इसरो ने विकसित किया है. यह नेविगेशन सिस्टम इसरो द्वारा लांच किए गए जीसैट-8, जीसैट-10 और जीसैट-15 सेटेलाइट के माध्यम से काम करता है.
  • इस तकनीक से खराब मौसम या कम दृश्‍यता की स्थिति में भी विमान की लैंडिग की जा सकती है. गगन आधारित LPV (लोकलाइजर परफार्मेस विद वर्टिकल गाइडेंस) तकनीक के प्रयोग से यह समस्या दूर होगी और विमानों की लैंडिंग सुरक्षित होगी.
  • खराब मौसम या कम दृश्यता में विमान की लैंडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली मौजूदा तकनीक ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) बहुत महंगी है. यही कारण है कि देशभर में सौ से ज्यादा एयरपोर्ट पर अभी तक मात्र 50 से कुछ ही ज्यादा रनवे पर इस सिस्टम को लगाया गया है.