INS सूरत और INS उदयगिरि युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया

भारतीय नौसेना में दो युद्धपोतों INS सूरत और INS उदयगिरि युद्धपोत को शामिल किया गया है. इसका उद्धघाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई को मझगांव डॉक में किया था. इन दोनों युद्धपोतों का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने किया है और उन्हें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई में बनाया गया है.

INS सूरत

  • INS सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B का डिस्ट्रॉयर युद्धपोत (नेक्स्ट जेनरेशन स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर) है. प्रोजेक्ट 15B का पहला युद्धपोत INS विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है. जबकि बाकी 2 युद्धपोत INS मोरमुगाओ और INS इंफाल का ट्रायल चल रहा है.
  • इसका नाम गुजरात की व्यापारिक राजधानी सूरत शहर पर INS सूरत रखा गया है. यह एक फ्रंटलाइन युद्धपोत है, जिसे गाइडेड मिसाइल से लैस किया गया है. यह युद्धपोत 15A यानी कोलकाता क्लास डिस्ट्रॉयर युद्धपोत की तुलना में बड़ा है.
  • इसका वजन 7400 टन और इसकी लंबाई 163 मीटर है. यह विध्वंसक पोत 56 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है. इसमें ब्रम्होस जैसे आधुनिक मिसाइल, ऐंटी सबमरीन रॉकेट लांचर और कई आधुनिक हथियार फिट किए जा सकते हैं.
  • इस वॉरशिप पर चार इंटरसेप्टर बोट के साथ-साथ 50 अधिकारी और 250 जवान एक समय में रह सकते हैं. यह लगभग 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है और एक बार में 7400 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकता है.

INS उदयगिरि

  • स्वदेशी तकनीक से निर्मित INS उदयगिरि भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17A का तीसरा फ्रिगेट युद्धपोत है. नौसेना के इस प्रोजेक्ट के तहत भारत में ही 7 फ्रिगेट तैयार किए जाने हैं. इस युद्धपोत का नामकरण आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रंखला के नाम पर INS उदयगिरि रखा गया है.
  • इस युद्धपोत में सेंसर, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम और आधुनिक हथियार लगे हुए हैं. यह युद्धपोत के बीते संस्करण का दूसरा रूप है. जिसने 18 फरवरी 1976 से लेकर 24 अगस्त 2007 तक लगातार तीन दशकों तक देश की समुद्र सीमा की रक्षा की है.