राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पाँचवीं रिपोर्ट जारी, प्रजनन दर 2.2 से घटाकर 2.0 हुआ

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के पांचवें दौर का रिपोर्ट (NFHS-5) 6 मई को जारी की गयी थी. इस रिपोर्ट में भारत के स्वास्थ्य, जनसंख्या वृद्धि दर और प्रजनन दर जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी है. NFHS इस तरह का सर्वेक्षण समय-समय पर कराता रहता है.

5वां राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5): मुख्य बिंदु

  • NFHS-4 (चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) से NFHS-5 के बीच सर्वेक्षण में प्रजनन दर कमी बताया है. भारत में कुल प्रजनन दर (TFR) को प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या के रूप में मापा जाता है. सर्वेक्षण में प्रजनन दर 2.2 से घटाकर 2.0 हो गया है.
  • सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि परिवार में फैसले लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. देश में महिलाओं व पुरुषों में मोटापा बढ़ रहा है. हालांकि NFHS के सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं व पुरुषों दोनों में मोटापा बढ़ा है. महिलाओं में मोटापा 21% से बढ़कर 24% व पुरुषों में 19% से बढ़कर 23% हो गया है.
  • सरकार के द्वारा जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, इसके साथ ही वह लोगों को कम बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सर्वेक्षण में बताया गया है कि गर्भनिरोधक का प्रसार दर देश में 54% से बढ़कर 67% हो गई है. इसके अलावा परिवार नियोजन के कारण भी 13% से 9% की गिरावट आई है.
  • NFHS के अनुसार देश में पांच राज्य हैं जो 2.1 प्रजनन दर से ऊपर हैं. बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) मणिपुर (2.17) है.
  • आंध्र प्रदेश, गोवा, सिक्किम, मणिपुर, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पंजाब,चंडीगढ़, लक्षद्वीप, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक तिहाई से अधिक महिलाएं या तो मोटापे से ग्रसित हैं या फिर अधिक वजन से ग्रसित हैं.
  • NFHS ने पांचवें दौर का सर्वे 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में किया गया था. यह सर्वे लगभग 6.37 लाख घरों में किया गया है, जिसमें 7,24,115 महिलाएं व 1,01,839 पुरुष शामिल हुए.