47वां जी-7 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी और UAE यात्रा
विकसित देशों के समूह जी-7 शिखर सम्मेलन (47th G7 summit) 27 जून को जर्मनी के श्लॉस एल्माओ में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में सभी सदस्य देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने भाग लिया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. भारत के अलावा अर्जेन्टीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका भी सम्मेलन में आमंत्रित किए गए थे.
मुख्य बिंदु
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को छह खरब डॉलर की ढांचागत सहायता की घोषणा की गयी. इसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (Belt and Road Initiative – BRI) के प्रति पश्चिमी देशों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह एक निवेश है. यह जी-7 देशों के लिए लाभदायक है.
- बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) एक वैश्विक बुनियादी ढांचा विकास रणनीति है, जिसे चीन ने 2013 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार, वाणिज्य में वृद्धि और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एशिया को अफ्रीका और यूरोप के साथ भूमि और समुद्री नेटवर्क से जोड़ना है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी यात्रा
- प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन से अलग जी-7 और अतिथि देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. उन्होंने म्यूनिख में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की. दोनों नेता व्यापार, निवेश तथा लोगों के बीच सम्पर्क और बढ़ाने पर भी सहमत हुए.
- प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दो सत्रों में भाग लिया. पहला सत्र जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य तथा दूसरा सत्र खाद्य सुरक्षा और स्त्री-पुरुष समानता से संबंधित था.
- पहले सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने जी-7 समूह के देशों से आग्रह किया है कि वे हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा, सतत जीवन शैलियों और वैश्विक कल्याण के लिए भारत के प्रयासों में सहयोग दें. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है,लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान केवल पांच प्रतिशत है.
- खाद्य सुरक्षा और स्त्री-पुरूष समानता सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत का दृष्टिकोण ‘महिला विकास’ से बदलकर ‘महिला नेतृत्व में विकास’ हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की UAE यात्रा
- शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद श्री मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमारात (UAE) गये थे. उन्होंने अबूधाबी में UAE के राष्ट्रपति और अबूधाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की.
- द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापक कार्यनीतिक साझेदारी और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
- उनकी यात्रा का उद्देश्य वहां के पूर्व राष्ट्रपति और अबूधाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से संवेदना प्रकट करना था.
G7 संगठन: तथ्यों पर एक दृष्टि
- ‘G7’ सात विकसित देशों का समूह है जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमरीका सदस्य देश हैं. भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्हें शिखर सम्मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है.
- गठन: वर्ष 1975 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति वैलेरी जिस्कार्ड डी एस्टेइंग के आह्वान पर विश्व के सर्वाधिक औद्योगीकृत, लोकतांत्रिक एवं गैर-समाजवादी 6 राष्ट्रों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, एवं जापान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें इस समूह का गठन हुआ.
- कनाडा सदस्य बना: वर्ष 1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल कर लिया गया. कनाडा की सहभागिता के पश्चात यह समूह ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा.
- रूस सदस्य बना: वर्ष 1994 में ‘G7’ में रूस के शामिल होने से यह समूह ‘G8’ के नाम से जाना गया.
- रूस निलंबित: 27 मार्च, 2014 को इस संगठन से रूस को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया. अब यह समूह पुनः ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा है.
- मुख्यालय: ‘G7’ एक अनौपचारिक संगठन है जिसका कोई मुख्यालय अथवा सचिवालय नहीं है. इसके अध्यक्ष का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर होता है.
- अर्थशास्त्र: ‘G7’ देश में विश्व की जनसंख्या का 10.3% लोग रहते हैं. सदस्य देशों की GDP विश्व के GDP का 32.2% है, जबकि विश्व के निर्यात में 34.1% तथा आयात में 36.7% हिस्सा है.