भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ की शुरुआत

भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ (Agneepath Recruitment Scheme) की शुरुआत हुई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना की घोषणा 14 जून को की थी. इससे पहले इस योजना की मंजूरी केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने दी थी.

इस योजना का मुख्य लक्ष्य तीनों सेनाओं में युवाओं को जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए कुशल नागरिक बनाना है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना से भारत की सेनाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.

अग्निपथ योजना: मुख्य बिंदु

  • इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों को राज्यों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, मंत्रालयों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी.
  • अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा. अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा.
  • 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य होंगे. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे.
  • 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं.
  • अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों को 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी.
  • इस तरह चुने गए कैंडिडेट्स, अग्निवीर के तौर पर 4 साल तक सेना में काम करेंगे. मेरिट के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर लिया जाएगा. अन्य नौकरियों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
  • अग्निवीरों की सालाना सैलरी 4.76 लाख रुपये होगी. चौथे साल में यह सैलरी बढ़कर 6.92 लाख रुपये हो जाएगी. सेना में 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत दिया जाएगा.
  • अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी.