विपणन वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के MSP में बढ़ोतरी की गयी
मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 8 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
नया MSP प्रति क्विंटल रुपये में
फसल | 2021-22 में MSP | 2022-23 में MSP | MSP वृद्धि |
धान (सामान्य) | 1940 | 2040 | 100 |
धान (A ग्रेड) | 1960 | 2060 | 100 |
ज्वार (हाईब्रिड) | 2738 | 2970 | 232 |
ज्वार (मालदंडी) | 2758 | 2990 | 232 |
बाजरा | 2250 | 2350 | 100 |
मक्का | 1870 | 1962 | 92 |
तुअर | 6300 | 6600 | 300 |
मूंग | 7275 | 7755 | 480 |
मूंगफली | 5550 | 5850 | 300 |
सूरजमुखी | 6015 | 6400 | 385 |
सोयाबीन | 3950 | 4300 | 350 |
तिल | 7307 | 7830 | 523 |
कपास (मिडिल स्टेपल) | 5726 | 6080 | 354 |
कपास (लॉन्ग स्टेपल) | 6025 | 6379 | 354 |
मुख्य खरीफ फसलें
धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि. खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काट लिया जाता है.
MSP (Minimum Support Price) क्या है?
MSP (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. इसे सरकारी भाव भी कहा जा सकता है.
सरकार हर साल फसलों की MSP तय करती है ताकि किसानों की उपज का वाजिब भाव मिल सके. इसके तहत सरकार फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया, नैफेड जैसी सरकारी एजेसिंयों की मदद से किसानों की फसलों को खरीदती है.