विलुप्त चीतों को भारत लाने के लिए नामीबिया के साथ सहमति

भारत ने विलुप्त चीतों को देश में लाने के लिए नामीबिया के साथ एक महत्वपूर्ण सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. भारत में 1952 में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सहमति के अनुसार अगस्त में नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया जाएगा, जिसमें चार नर और चार मादा चीते होंगे.
  • इन चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में रखा जाएगा.
  • ये चीते भारत से पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं. इसका मुख्य कारण अधिक शिकार किया जाना और रहने के लिए जगह का न होना बताया जाता है.
  • आखिरी बार 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वनों में एक मृत चीता पाया गया था.
  • दुनिया में चीतों की सबसे अधिक आबादी नामीबिया में है. नामीबिया को ‘चीतों की राजधानी’ कहा जाता है.
  • अगले पांच वर्षों में नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और अन्य अफ्रीकी देशों से कुल 50 चीतों को भारत लाए जाने की योजना है.
  • चीता दुनिया का सबसे तेज जानवर है जो 113 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ सकता है.