देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट मथुरा में लगाया जायेगा

देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट मथुरा में लगाया जायेगा. इसके जरिए वैकल्पिक ऊर्जा का नया विकल्प तैयार होगा जो वाहनों में ईंधन के लिए बेहतर विकल्प होगा. इससे देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी. मथुरा में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से 5 केटीए (पांच किलो टन प्रति वर्ष) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में नेशनल हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था. इसका मकसद देश को दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोजन हब बनाना है.
  • पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मथुरा में पहले से मौजूद ऑयल रिफाइनरी के पास इस पर काम होगा. यह रिफाइनरी के लिए हाइड्रोजन की यूनिट के तौर पर काम करेगी.
  • राजस्थान से आने वाली तेज हवाओं से पहले विंड इनर्जी बनेगी. इस विंड इनर्जी का इस्तेमाल ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में होगा.
  • इंडियन ऑयल इस दिशा में पहल की है. उसकी योजना हाइड्रोजन व सीएनजी के जरिए हाईथेन (एच-सीएनजी) बनाने की है.
  • नीति आयोग ने हाल में ‘हारनेसिंग ग्रीन हाइड्रोजन’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की थी. इसमें बताया गया है कि CSIR व CECRI समुद्र के पानी का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रोड विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है.

क्या है ग्रीन हाइड्रोजन?

ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए पानी से हाइड्रोजन व ऑक्सीजन को इलेक्ट्रोलाइजर के जरिए अलग किया जाता है. हाइड्रोजन इंधन में प्रदूषण नहीं होता है.