अमेरिका ने स्वीडन और फिनलैंड को NATO के सदस्यता के लिए अनुमोदन किया

अमेरिका ने स्वीडन और फिनलैंड को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) मे शामिल करने के लिए अनुमोदन कर दिया है. अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने 9 अगस्त को दोनों देशों के नैटो गठबंधन में शामिल होने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

मुख्य बिन्दु

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की प्रतिक्रिया में स्‍वीडन और फिनलैंड ने नैटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन किया था. जबकि, रूस इसके खिलाफ दोनों देशों को लगातार चेतावनी देता रहा है.

तुर्की ने शुरू में नैटो संगठन में इन नॉर्डिक देशों के प्रवेश का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि दोनों देश कुर्द अलगाववादियों को आश्रय दे रहे हैं. मैड्रिड में त्रिपक्षीय बैठक में तुर्की ने कुछ शर्तों के बाद विरोध समाप्त कर दिया था.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं.

नाटो के अन्य सदस्य देश: ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, अल्बानिया, क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो, उत्तर मैसेडोनिया (2020 मे शामिल), स्वीडन (2022 प्रस्तावित) और फिनलैंड (2022 प्रस्तावित).