भारत और मालदीव वार्ता, दोनों देशों के बीच छह समझौते
भारत और मालदीव के बीच 2 अगस्त को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की यात्रा पर आए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था.
मुख्य बिन्दु
- इस वार्ता में दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में छह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
- भारत-मालदीव विकास सहयोग के अंतर्गत मालदीव के 34 द्वीपों में सुधार, जल आपूर्ति, स्वच्छता और अड्डू में सड़कों की मरम्मत, तटीय इलाकों में मिट्टी के भराव सहित जुम्मा मस्जिद की मरम्मत परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई.
- वार्ता में ग्रेटर माले में चार हजार सोशल हाउसिंग यूनिट्स उसके निर्माण के प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की गई. इसके अतिरिक्त दो हजार सोशल हाउसिंग यूनिट के लिए भी वित्तीय सहायता दिया जाएगा.
- भारत ने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी का मुद्दा गम्भीर है, इसलिए पूरे क्षेत्र की शान्ति और स्थिरता के लिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मॉलदीव के बीच निकट सम्पर्क और समन्वय महत्वपूर्ण है.
भारत-मालदीव संबंध
- मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी है और भारत की पड़ोसी पहले की नीति में एक विशेष स्थान रखता है.
- 1965 में मालदीव की आजादी के बाद उसे मान्यता प्रदान करने और इस देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में भारत का नाम शामिल है.
- भारत के सहयोग से मालदीव में वहाँ का सबसे बड़ा इन्फ्रास्टक्चर प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. कोविड के बावजूद दोनों देशों का आपसी व्यापार 31 प्रतिशत बढा है.