दिल्ली में पहली अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक

दिल्ली में 30-31 जुलाई को पहली अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गई थी. इसका आयोजन यह राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा किया गया था.

इस बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा, केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कई अन्य न्यायाधीश, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों (SLASA) के कार्यकारी अध्यक्ष और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (DLASA) के अध्यक्ष मौजूद थे.

प्रधानमंत्री ने बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था. उन्होंने इस मौके पर ‘मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार’ पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.

नालसा (NALSA) क्या है?

  • नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) का गठन कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये किया गया है. भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है.
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है. इसी के मद्देनज़र वर्ष 1987 में पारित विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत नालसा का गठन किया गया था.
  • NALSA के तर्ज पर DLASA (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) और SLASA (राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) का गठन किया गया है.
  • देश में कुल 676 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLASA) हैं. उनके प्रमुख जिला न्यायाधीश होते हैं. DLASA, NALSA द्वारा आयोजित लोक अदालतों को विनियमित करके अदालतों पर बोझ कम करने में योगदान करते हैं.