संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वां अधिवेशन, भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री ने किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वां अधिवेशन (77th Session of the UN General Assembly) 20 सितम्बर से न्यूयॉर्क में आयोजित किया जा रहा है. इस अधिवेशन का विषय है- एक ऐतिहासिक क्षण: सामूहिक चुनौतियों के लिए परिवर्तनकारी समाधान.

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें अधिवेशन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने किया था. वे इस अधिवेशन में भाग लेने के प्रयोजन से 18 – 28 सितंबर तक अमरीका यात्रा पर हैं.
  • डॉक्टर जयशंकर ने 24 सितम्बर को 77वें अधिवेशन में भारत का पक्ष रखा था. अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, आतंकवाद की किसी भी गतिविधि का कोई औचित्य नहीं है.
  • यूक्रेन के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए भारत ने शांतिपूर्ण बातचीत और राजनयिक माध्यम से संघर्ष के समाधान की प्रतिबद्धता दोहराई.
  • विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में समान भागीदारी के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘एक सूर्य-एक विश्‍व-एक ग्रिड’ और ‘आपदा समायोजी बुनियादी ढांचा पहल’ के अन्तर्गत अन्‍य साझेदारों के साथ प्रयास कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की मांग

भारत सहित 32 देशों ने मौजूदा वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल और व्यापक सुधार करने की मांग की है.

न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर इन देशों ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय शासन व्यवस्था को अधिक समावेशी और सहभागिता पूर्ण बनाने के लिए काम करने के प्रति संकल्‍पबद्ध हैं ताकि विकास संबंधी चुनौतियों, गरीबी, जलवायु परिवर्तन, महामारी, खाद्य सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संकटों और आतंकवाद का समाधान किया जा सके.

वक्तव्य में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद में सुधार में देरी से वैश्विक शांति और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के इस सिद्धांतों पर अमल करने में व्यवधान हो रहा है.