गृह मंत्रालय ने PFI को 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. यह निर्णय केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 28 सितम्बर को लिया था. निर्णय में UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित किया गया है.
मुख्य बिन्दु
- अपने निर्णय में गृह मंत्रालय ने PFI के अतिरिक्त उससे जुड़े अन्य आठ संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया है.
- आतंकी वित्तीय पोषण और आतंकी संपर्क के आरोप में देश के कई राज्यों में हाल ही में PFI पर लगातार छापेमारी की गई थी.
- गृह मंत्रालय के अनुसार, PFI और उससे जुड़े सभी सहयोगी संगठनों पर UAPA के तहत पांच साल के लिए त्वरित प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है.
- PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
- PFI का गठन 2006 में केरल में किया गया था. वह भारत में हाशिये पर मौजूद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है.
UAPA क्या है?
UAPA एक कानून है, जिसका पूरा नाम Unlawful Activities (Prevention) Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है.
इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या संदिग्ध लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकीगतिविधियों में शामिल होते हैं.